UP News: आगरा में पुलिस का एक अजीब कारनामा देखने को मिला है, यहां पर पुलिस ने एक निर्दोष को ही मुलजिम बना दिया. आगरा के सिकंदरा थाने के एक दरोगा देववृत पांडेय ने वारंटी की जगह दूसरे व्यक्ति को उठा लिया और उसने हाथ जोड़कर पुलिस के सामने गुहार लगाई कि वह वारंटी नहीं है, हालांकि दरोगा ने एक नहीं सुनी. इतान ही नहीं पुलिस ने पीड़ित से छोड़ने के नाम पर 20 हजार रुपये ले लिए. वहीं इस मामले की पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की तो पुलिस कमिश्नर ने दरोगा को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू करा दी है.
बता दें कि जमील पुत्र रहीसुद्दीन निवासी हरीपर्वत ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की है कि चार जनवरी को वह अपने मकान आवास विकास सेक्टर 16 पर था. इसी दौरान पदम प्राइड चौकी इंचार्ज देवव्रत पांडे उनके घर पर आ गए और उन्हें जबरन पकड़कर चौकी ले गए. यहां उनके साथ जमकर मारपीट की गई और बोले कि मेरे पास तुम्हारा वारंट है. जमील ने कहा कि साहब मेरे खिलाफ तो आज तक मुकदमा ही दर्ज नहीं हुआ तो वारंट कहां से आया, शायद आपको गलतफहमी हो गई है. पीड़ित ने पुलिस से कहा कि आपको कोई और पकड़ना था आपने मुझे पकड़ लिया है.
पुलिस ने मामले की जांच की शुरू
हालांकि दरोगा ने कहा कि नहीं मैंने सही आदमी पकड़ा है और उसने पीड़ित को छोड़ने के नाम पर 50 हजार रुपये मांगे. पीड़ित जमील ने अपने परिवार को फोन कर पैसे मंगाए. जब पीड़ित के परिजन 20 हजार लेकर पहुंच गए तो दरोगा ने पैसे लेकर उसे छोड़ दिया. वहीं डीसीपी सिटी विकास कुमार के मुताबिक इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है और दरोगा देववृत्त पांडेय को निलंबित कर दिया गया है.
दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
वहीं डीसीपी सिटी विकास कुमार ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि मामले की जांच की जा रही है और जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. अभी उस सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है, उनके विरुद्ध जांच प्रचलित है. जो भी दूसरे लोग इसमें सम्मिलित हैं उनके खिलाफ भी जांच की जा रही है, जो भी दोषी इसमें दोषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.
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