सरकारी संस्थाओं की फेक वेबसाइट बनाकर करते थे ठगी, पुलिस के हत्थे चढ़ा इंडो- नाइजीरियन गैंग
आगरा की साइबर थाने की टीम को बृहस्पतिवार को बड़ी कामयाबी मिली. पुलिस ने एक ऐसा गैंग पकड़ा है जो सरकारी वेबसाइट की हुबहू वेबसाइट बनाकर लोगों को चूना लगाते थे. पुलिस के चंगुल में आये इस गैंग ने करोड़ों की ठगी की है.
आगरा: सरकारी संस्थाओं की फेक वेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले इंडो- नाइजीरियन गैंग के सरगना समेत चार को रेंज साइबर थाने की टीम ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया. शातिरों के पास से तीन लैपटॉप, पीओएस स्वैप मशीन, 75 बैंक पासबुक, 40 एटीएम कार्ड, दो दर्जन चैकबुक, समेत अन्य सामान बरामद किया गया है. गिरफ्तार किए गए शातिरों में गुरुग्राम के मानेसर रोड स्थित 4.1 स्ट्रीट में रह रहे नाइजीरियन गुडसटाइम संडे उर्फ बेंसन, गाजियाबाद के बसुंधरा निवासी तरुण यादव, संभल के असमौली में महमूद नगर निवासी आसिफ और संभल में नवाब पुर निवासी जसपाल शामिल हैं. शातिर अब तक साइबर अपराध से करोड़ों कमा चुके हैं.
आपको बता दें कि साइबर पर नाइजीरियन हैकर्स का गैंग सक्रिय काफी समय से सक्रिय था. इनका नया पैतरा बंद पड़ी बीमा पॉलिसी थीं. ऐसी पॉलिसी धारक को प्रलोभन देकर पहले खाते में रकम जमा कराते, फिर खाता बंद कर देते. इनके साथ भारतीय लोग भी शामिल थे. शहर में एक व्यवसायी से हाल ही में इस गैंग ने 1.32 करोड़ की ठगी की थी. इसकी जांच के दौरान टीम को इस गैंग के बारे में जानकारी मिली.
गैंग में शामिल नाइजीरियन समेत तीन शातिरों के करीब तक पुलिस बुधवार को ही पहुंच गई थी. दरअसल रेंज साइबर थाने में बीते दिनों व्यवसायी प्रताप सिंह चाहर ने साइबर ठगी की शिकायत की थी. व्यवसायी की कई बीमा पॉलिसी निष्क्रिय थीं. गूगल पर आइआरडीए की वेब साइट सर्च करने के दौरान वह शातिरों द्वारा बनाई फेक वेबसाइट खोल बैठे. इस पर क्लेम लेने के नियम सर्च किए तो वह जाल में फंसते चले गए. शातिर मार्जिन मनी और अन्य बहानों से धीरे-धीरे अलग-अलग खातों में 1.32 करोड़ रुपये जमा कराते गए. समय सीमा में कारोबारी को क्लेम नहीं मिला तो उन्हें शक हुआ. ठगी में इस्तेमाल किए गए खातों की जांच में चौंकाने वाली जानकारी मिली.
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