Cyber Crime: आगरा पुलिस ने साइबर अपराधियों को चोट पहुंचाना शुरू कर दिया है. साइबर क्राइम सेल ने मई महीने तक 719 मोबाइल के आईएमईआई नंबर ब्लॉक कर दिए गए हैं. तफ्तीश में खुलासा हुआ था पिछले पांच महीनों के दौरान साइबर ठगी की वारदात में 719 मोबाइलों और सिम का इस्तेमाल किया गया है. आगरा पुलिस ने आईएमईआई नंबर को ब्लॉक करने की सिफारिश केंद्रीय गृह मंत्रालय और दूर संचार विभाग को भेजी थी. सिफारिश पर कार्रवाई करते हुए साइबर अपराधियों के मोबाइलों का आईएमईआई नंबर ब्लॉक कर दिया गया है. पुलिस आयुक्त प्रीतिंदर सिंह का कहना है कि साइबर अपराध को अंजाम देने वाले शातिरों के खिलाफ भारत सरकार ने नई व्यवस्था शुरू की है.


साइबर अपराधियों को आगरा पुलिस ऐसे पहुंचा रही है चोट


चोट पहुंचाने के लिए साइबर अपराधियों की तरफ से इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल और सिम को पूरी तरह ब्लॉक कर दिया जा रहा है. दो कदम आगे बढ़कर साइबर अपराधियों के डेटा का विश्लेषण कर गिरोह का पर्दाफाश भी किया जा रहा है. आगरा में साइबर अपराध पर शिकंजा कसना चुनौती के रूप में उभरा है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में 144, साल 2022 में 181 और साल 2023 में अब तक 95 मुकदमे साइबर अपराध के दर्ज हुए हैं.


जवानों को और दक्ष बनाने के लिए विभागीय परीक्षाएं शुरू


पुलिस कमिश्नर ने बताया कि साइबर अपराध से जुड़ी घटनाओं पर शिकंजा कसने के लिए जवानों को और ज्यादा दक्ष बनाने के लिए विभागीय परीक्षाएं शुरू की गई हैं. विभागीय परीक्षा में टॉप करने वाले पुलिसकर्मियों को पुरुस्कृत भी किया जा रहा है. उनका कहना है साइबर अपराध व्हाइट कॉलर क्राइम है. आंकड़े बताते हैं कि साइबर अपराध ने पुलिस के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. 


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