आगरा, नितिन उपाध्याय। आगरा पुलिस ने आज सम्भवतः जिले के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी लूट और सनसनीखेज हत्याकांड का शनिवार को खुलासा किया। आगरा के कस्बे शमसाबाद के रहने वाले सर्राफा व्यवसायी मुकलेश गुप्ता और उनकी पत्नी लता गुप्ता की 27 जनवरी की देर शाम हत्या कर दी गयी थी और हत्यारे करीब 5 करोड़ रुपये के सोने, चांदी के जवाहरात और घर में रखे कैश लूटकर फरार हो गए थे। इस घटना की जानकारी तब हुई जब 28 जनवरी की सुबह घर में काम करने वाली महिला ने दोनों को मृत देखा। इस घटना के बाद पूरे आगरा में सनसनी फैल गई थी और व्यापारियों में जबरदस्त दहशत का माहौल देखा गया।


कर्ज उतारने के लिये दिया हत्याकांड को अंजाम

आगरा में पिछले महीने यानी जनवरी की 27 तारीख को सर्राफा कारोबारी मुकलेश और उनकी पत्नी लता की हत्या कर दी थी और घर में लूटपाट हुई थी | पुलिस ने इस बड़ी वारदात का खुलासा किया तो पता चला की कस्बे के ही दो युवक थे जिन्होंने से इस वारदात को अंजाम दिया था | पुलिस ने लूट और दोहरे हत्या कांड को अंजाम देने वाले दोनों युवक ओम बाबू और कपिल गुप्ता को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने जब इन दोनों को गिरफ्तार किया तो पता चला कि कपिल पर दस लाख रुपये का कर्ज था लिहाजा कर्ज उतारने के लिए कपिल और ओम बाबू ने मिलकर साज़िश रची। पुलिस के मुताबिक़ साज़िश के तहत कपिल ने मुकलेश से उधार में एक अंगूठी खरीदी और अंगूठी की रकम देने के बहाने कपिल ने कारोबारी मुकलेश को कॉल किया और दोनों कपिल और ओम बाबू कारोबारी मुकलेश के घर 27 जनवरी की शाम पहुंच गये। घटना को अंजाम देने से पहले दोनों कई दिनों से घर की रेकी कर रहे थे। 27 की शाम जब कारोबारी मुकलेश पूजा करने मन्दिर चले गये और उनकी पत्नी अकेली थीं लिहाजा दोनों घर में घुस गये।



घर में घुसने के बाद कपिल और ओमबाबू ने मिलकर कारोबारी की पत्नी लता देवी को पकड लिया और गला दबाकर हत्या कर दी उसके बाद घर में लूटपाट शुरू कर दी। अलमारियों में रखा हुआ करोड़ों के जेवरात और नकदी बैगों में भर ली। एक घंटे तक दोनों घर में लूटपाट करते रहे। इसी बीच पूजा करने के बाद कारोबारी मुकलेश भी पहुंच गये। जैसे ही मुकलेश पहुंचे वैसे ही दोनों ने मुकलेश को भी पकड़ लिया और उनकी भी गला दबा कर हत्या कर दी। कारोबारी मुकलेश और उनकी पत्नी की हत्या कर देने के बाद भी कपिल और ओम बाबू को शक था कि कहीं दोनों जिंदा तो नहीं हैं, लिहाजा जमीन पर पड़े दोनों शवों को करंट भी लगाया। जब दोनों की मौत की होने की संतुष्टि हो गयी और जेवरात और नकदी लेकर दोनों फरार हो गये।



पुलिस इस दोहरे हत्या कांड की गुत्थी सुलझा रही थी और पुलिस को दोनों के बारे में सुराग लगा तो पुलिस दोनों के पीछे पड़ गयी। कपिल और ओम बाबू माल लेकर जयपुर तक पहुंच गये बाद में फतेहपुर सीकरी तक आ गये और पुलिस ने दोनों को धर दबोचा। पुलिस ने दोनों के पास से करीब ग्यारह किलो सोने के जेवरात और 25 किलो चांदी के जेवरात बरामद किये हैं, इसके अलावा 13 लाख से ज्यादा रुपये की नगदी भी बरामद की है जिसकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। दोनों को जेल भेज दिया है।


आगरा पुलिस के लिए इस डबल मर्डर का खुलासा बड़ी चुनौती थी। घटना वाले दिन 28 जनवरी को एडीजी अजय आनंद, आईजी सतीश गणेश और एसएसपी बबलू कुमार मौके पर पहुंचे थे। आला अधिकारियों समेत पूरी पुलिस के लिए ये बड़ी चुनौती थी क्योंकि अपराधी घर में लगे सीसीटीवी की डीवीआर भी उखाड़ कर ले गए थे। इस घटना के खुलासे को लेकर एसएसपी बबलू कुमार ने 7 टीमों का गठन किया था लेकिन जिस तरह से हत्यारों ने कोई भी साक्ष्य नहीं छोड़ा था, उससे पुलिस के सामने चुनौती और बढ़ गयी थी। वहीं घटना के अगले दिन शमसाबाद के व्यापारियों ने आक्रोश जताते हुए बाजार बन्द रखा।


एडीजी अजय आनन्द और आईजी के निर्देशन में एसएसपी बबलू कुमार ने लगातार इस मामले की मॉनिटरिंग की और सर्विलांस टीम और स्थानीय लोगों से मिली अहम जानकारी के बाद पुलिस आरोपियों के गिरेबान तक पहुंच गई और अब दोनों आरोपी सलाखों के पीछे हैं।