पुलिसिया कार्रवाई...और आगरा के इस थाने का चहेता बन गया लंगूर...पढ़िये ये दिलचस्प खबर
आगरा के इस थाने में एक लंगूर की खूब सेवा की जा रही है। पुलिसकर्मी इसके खाने पीने तक का इंतजाम कर रहे हैं। ये लंगूर थाने कैसे पहुंचा..इसके पीछे बड़ी दिलचस्प कहानी है
आगरा, नितिन उपाध्याय। आमतौर पर पुलिस महकमे को सख्त कार्रवाई करने के लिये जाना जाता है। कितना भी कोई चोर शातिर हो या कुख्यात अपराधी हो पुलिसिया अंदाज का खौफ का इनमे रहता है। आगरा में एक चोर के खिलाफ पुलिस का एक्शन लेना उनके लिये एक वक्त सरदर्द बन गया था लेकिन अब वही उनके लिये वरदान साबित हो गया। शहर के थाना हरीपर्वत की पुलिस पिछले दो सप्ताह से एक नए मेहमान का ख्याल रखने में व्यस्त है। थाने के पुलिसकर्मी इस मेहमान का काफी ख्याल रख रहे हैं और थाने के सभी लोग मिल-जुल कर इस नए मेहमान का खर्च उठा रहे हैं। नए मेहमान के आने से थाना पुलिस को कई दुश्मनों से निजात भी मिल गयी है।
अब आप सोच रहे होंगे कि यह नया मेहमान कोई बड़ा अधिकारी होगा, तो आपको बता दें कि यह नया मेहमान इंसान नहीं बल्कि एक लंगूर है। रामू नाम का यह लंगूर पिछले 9 जनवरी से थाना हरीपर्वत में रहता है और पुलिसकर्मी इसके खाने-पीने आदि का खर्च उठाते हैं।
रामू की देखभाल करने की वजह पुलिसिया कार्रवाई है। दरअसल रामू (लंगूर) के मालिक ने शाह मार्केट में चौकीदार की लाइसेंसी बंदूक चोरी कर ली थी। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से राजू की शक्ल दिखने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर रायफल बरामद की और उसे जेल भेज दिया। राजू के जेल जाने के बाद से रामू का कोई ठिकाना नहीं बचा और वो तब से थाना हरीपर्वत में ही रह रहा है।
थाना प्रभारी ने थाने के पीछे उसके रुकने का इंतजाम करवा दिया है और थाने पर तैनात पुलिसकर्मी उसे घूमने और भोजन कराने की जिम्मेदारी संभाल रहे है। भोजन व्यवस्था थाने के अन्य लोग आपस मे मिलजुलकर करते हैं। फिलहाल रामू के आने से थाना पुलिस को बंदरों से निजात मिल गयी है। रामू के होते कोई भी बंदर थाने के आसपास भी नहीं फटकता है। रामू का थानाध्यक्ष अजय कौशल भी काफी ख्याल रखते हैं। रामू लंगूर को दूध से लेकर तमाम फल खिलाये जा रहे हैं।
कहानी यहीं खत्म नहीं होती है, थाना हरीपर्वत में कई साल से भूरा नाम का कुत्ता भी पाला जा रहा है, जिसे अंडे बहुत पसंद हैं, और ऐसे में पिछले कई दिनों से रामू और भूरा की दोस्ती भी अच्छी हो गयी है, जिसके चर्चे चारों तरफ हैं। आगरा के थाने हरीपर्वत में लंगूर रामू और कुत्ता भूरा की दोस्ती फिल्म शोले के जय-वीरू जैसी है।