Agra News: आगरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Agra Smart City Project) पूरे तरीके से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा हुआ है. ये इस बात से पता चलता है कि प्रोजेक्ट पूरा होने के बावजूद 24 घंटे में से ताजगंज निवासियों को 24 मिनट भी पानी मिल रहा है तो गनीमत है. गंगाजल की एक एक बूंद पानी के लिए तरसती जनता से वाटर सप्लाई के नाम पर बड़े बड़े वादे किए गए थे. ऐसे में करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए की यह भारी-भरकम परियोजना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के 19 प्रोजेक्ट में से एक थी.
ताजमहल के पास स्थित रेशम कटरा बस्ती के लोग इस प्रोजेक्ट के नाम केवल छलावा ही महसूस कर रहे हैं. ज्यादातर लोगों का कहना था कि घरों में लगाई सबमर्सिबल पंप से ही पानी पीने और अन्य रोजमर्रा के काम के लिए प्रयोग में ला रहे हैं. गंगाजल सप्लाई के नाम पर चाइनीज इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगा दिए गए हैं जिसकी क्वालिटी भी सवालों के घेरे में है.
लोगों को नहीं मिल पा रहा गंगाजल
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में टर्की के मीटर लगाने की बात मानकों में तय थी लेकिन सस्ते चाइनीज मीटर लगाने से भी भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है. लोगों का कहना है कि 150 करोड़ रुपये खर्च कर चौबीसों घंटे पानी की सप्लाई के नाम पर एक एक बूंद के लिए संघर्ष करना केवल छलावा है. प्रोजेक्ट के तहत सितंबर 2022 में परियोजना कंप्लीट होने का दावा कर दिया गया है, लेकिन फरवरी 2023 में भी क्षेत्रवासियों को गंगाजल नहीं मिल पा रहा है.
इसको लेकर नगर आयुक्त और स्मार्ट सिटी के सीईओ निखिल फुंडे का कहना है कि मांग और वितरण के स्तर में गड़बड़ी नहीं है. जल निगम और जलकल विभाग से प्रॉपर आपूर्ति ना होने की वजह से ये दिक्कत आ रही है. ये 150 करोड़ का प्रोजेक्ट है, हमारी कोशिश है कि जीवन मंडी स्थित जल निगम से प्रॉपर पानी की आपूर्ति मिलने लगे. साथ ही जिन 2 से ढाई हजार घरों में इलेक्ट्रॉनिक वाटर मीटर नहीं लगे हैं, उन घरों में भी मीटर लग जाएं.
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