Agra Taj Depot: यूपी के आगरा में ताज डिपो के बस ड्राइवरों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका आरोप हैं कि उन्हें मजबूरन कबाड़ हो चुकी बसों को चलाना पड़ रहा है जो चलती-फिरती मौत हैं. इन बसों की मेंटेनेंस के लिए न तो डिपो में कोई वर्कशॉप हैं और ना ही ट्रैंड मैकेनिक हैं, ऐसे में अगर कोई हादसा हो जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. इन ड्राइवर्स ने डिपो के एआरएम राजीव कुमार जैन पर भी गंभीर आरोप लगाए.
ताज डिपो की बदहाल हालत से परेशान स्टाफ और बस ड्राइवरों कहना है कि ये बसें लाखों किमी चल चुकी है, फिर भी इनकी मेंटेनेंस ठीक से नहीं की जाती. बसों की हालत बेहद खस्ता हो चुकी हैं. फ्लोर गला हुआ है. कई बसों में साइड मिरर तक नहीं है. बसों के शीशे उखड़े हुए हैं, कोहरे से बचाने वाली यलो लैप तक को नहीं लगाया गया है. बसों के टायर घिस चुके हैं लेकिन फिर भी नए टायरों की बजाय उनकी रबड़ बदलकर खानापूर्ति कर ली जाती है. कई बार ऐसी बसें हादसों का शिकार तक बन चुकी है. हैरान करने वाली बात हैं कि जब इसकी शिकायत यहां के एआरएम राजीव कुमार जैन से की जाती हैं तो वो संविदा को ही खत्म करने की धमकी देने लगते हैं.
इस बारे में जब सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक राजीव जैन से बात करने की कोशिश की गई तो वो बुरी तरह भड़क गए और कहा कि यहां किसी तरह की कोई समस्या नहीं है. ताज डिपो के बेड़े में 82 बसें हैं पर इन बसों को लेकर जिस तरह की शिकायतें की जा रही हैं वो वाकई गंभीर हैं, ऐसे में अगर कोई हादसा होता है तो कई यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती है.
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