आगरा: आगरा में 6 महीने से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद अब 21 सितम्बर से ताजमहल पर्यटकों के लिए खोला जाएगा. 17 मार्च से कोरोना संक्रमण के चलते ताज समेत देश के सभी पर्यटक स्थलों को बन्द करने के निर्देश जारी हुए थे. ऐसे में ताज के दीदार के लिए तमाम नियम बनाए गए हैं.
अब ताज की सुनसान गलियों में फिर से बहार आने वाली है. कोरोना संक्रमण काल में जिन गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ था, वहां अब रौनक लौटने वाली है. 6 महीने से ज्यादा समय बाद अब ताज पर्यटकों के लिए खुलेगा तो पर्यटन इंडस्ट्री के लिए ये किसी सौगात से कम नहीं हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने एक खास गाइडलाइन तयार की है, जिसे हरेक पर्यटकों को फॉलो करना होगा.
दीदार के लिए कैरिंग कैपेसिटी लागू की गई
ताजमहल और आगरा किले के दीदार के लिए कैरिंग कैपेसिटी लागू की गई है. यानी ताज के दीदार के लिए एक दिन में 5 हजार पर्यटक ही अंदर प्रवेश पा सकेंगे, तो वहीं किले में ढाई हजार. गेट पर सुरक्षाकर्मी आपकी थर्मल स्क्रीनिंग करेंगे. अगर तापमान ज्यादा रहा तो आपको रोक दिया जाएगा. गेट पर हरेक टूरिस्ट का रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा. दिन में 2 बार कम से कम ताज महल का वो एरिया सैनिटाइज कराया जाएगा जहां पर्यटकों का आवागमन होगा. इसके साथ ही कोई भी व्यक्ति टिकट काउंटर से टिकट नहीं खरीद सकेगा. ऑनलाइन टिकट ही ली जा सकेगी.
बता दें कि ताज के दीदार के साथ ही टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े लाखों लोगों के रोज़गार का जो संकट बना हुआ है, वो समस्या खत्म होगा. भले ही अभी विदेशी टूरिस्टों को हिंदुस्तान आने की इजाजत नहीं है लेकिन फिर भी देसी टूरिस्ट अगर ताज देखने आएंगे तो भी एक नयी शुरुआत तो होगी. आगरा में टूरिज्म इंडस्ट्री पूरी तरह ताजमहल पर ही निर्भर है. ऐसे में इंडस्ट्री से जुड़े गाइड शम्शुद्दीन कहते हैं कि चलो कुछ तो राहत मिलेगी. धीरे-धीरे ही सही लोग जो ताज से जुड़े हैं अपनी रोज़ी रोटी का इंतजाम तो कर पाएंगे.
ऐसे में गाइडों ने तय किया है कि वह पर्यटकों के साथ केवल स्मारक के अंदर ही रहेंगे. होटल से स्मारकों तक या साइट सीन के दौरान वह पर्यटकों की गाड़ी में साथ नहीं जाएंगे. सामाजिक दूरी का ख्याल रखते हुए गाइड स्मारकों के गेट पर ही उपलब्ध होंगे और ताज या किला का भ्रमण कराकर पर्यटकों को वापस छोड़ देंगे.
आगरा में हस्तशिल्प से जुड़े छोटे बड़े 500 एंपोरियम हैं
एंपोरियम व्यवसाय भी पूरी तरह ताजमहल पर ही निर्भर हैं. आगरा में हस्तशिल्प से जुड़े छोटे बड़े 500 एंपोरियम हैं. लेकिन पिछले 6 महीने से ताला पडा हुआ है और हजारों लोगों को भूखों मरने की नौबत आ गई थी. टूरिज्म गिल्ड ऑफ आगरा के उपाध्यक्ष राजीव सक्सेना ताज खोलने के कदम को स्वागत योग्य बता रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार के इस कदम से ठप पड़ी टूरिज्म इंडस्ट्री वापस अपने ट्रैक पर लौटेगी. हालांकि पूरी रौनक लौटने में अभी वक्त लगने वाला है.
एक अनुमान के मुताबिक आगरा की करीब चार लाख जनता की रोज़ी रोटी ताज़ महल से चलती है. ऐसे में ताज खुलने से कई घर फिर से रोशन होने वाले हैं.
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