Agra News Today: आगरा स्थित ताजमहल का शुमार दुनिया की सबसे भव्य इमारतों में होता है. विशेष निर्माण शैली और सफेद संगमर के पत्थरों से तराशी गई इस इमारतों की खूबसूरती को निहारने हर साल बड़ी संख्या में देश विदेश के पर्यटक आगरा का रुख करते हैं. 


ताजमहल दुनिया की उन इमारतों में शामिल है, जो प्रेम का संदेश देती है. ताजमहल का निर्माण 1632-48 के मध्य मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था. यही वजह है कि मोहब्बत की निशानी के रुप में ताजमहल की पहचान दुनिया भर में है. 


विश्व के सात अजूबों में शुमार ताजमहल के प्रति लोगों की दीवानगी का अंदाजा यहां आने वाले पर्यटकों की आमत से लगाया जा सकता है. ताजमहल की सैर करना वैसे तो हर दिन खास होता है, लेकिन यहां पर सालाना मनाए जाने वाले तीन दिवसीय उर्स हर मायने में खास है.


ताजमहल उर्स कब है?
इसकी वजह यह है कि उर्स के दिनों में ताजमहल एक अलग रंग और माहौल में नजर आता है. ताजमहल के तीन दिवसीय उर्स के मौके पर पारंपरिक कार्य किए जाते हैं, जिससे ताज महक उठता है. ताजमहल में इस साल सालाना उर्स का आयोजन 26, 27 और 28 जनवरी को मनाया जाएगा.


तीन दिवसीय उर्स के दौरान ताज का दीदार करने पहुंचे पर्यटकों को प्रशासन की तरफ से सौगात दी गई. इसके तहत उर्स के दौरान पर्यटक ताजमहल में मुफ्त में प्रवेश कर सकेंगे. उर्स के मौके पर यहां पर कई ऐतिहासिक रस्में अदा की जाती हैं.


ताजमहल में उर्स के मौके पर संदल की रस्म से लेकर कव्वाली और चादर पोशी आकर्षण का केंद्र होते हैं. ताज में उर्स के पहले दिन घुसल की रस्म होती है, उसके बाद अजान दी जाती है और फिर कव्वाली शुरू हो जाती है. इसी तरह से दूसरे दिन ताज पर चंदन का लेप लगाया जाता है, जिसे संदल की रस्म कहा जाता है. 


पूरी दुनिये से आती है चादर
उर्स के आखिरी और तीसरे दिन ताज पर चादर पोशी की जाती है, जिसमें सभी लोग अपनी अपनी इच्छा अनुसार रंग और लंबाई की चादर लेकर आते हैं. चादर पोशी के दिन सबसे बड़ा आकर्षण होता है, सबसे लंबी चादर. इस मौके पर सैकड़ों मीटर की चादर ताज पर चढ़ाई जाती है, जिसमें सभी धर्म के रंग होते है. 


सबसे लंबी चादर में कपड़ा किसी एक व्यक्ति या एक समाज का नहीं होता है बल्कि दुनिया भर के लोग चादर के लिए कपड़ा भेजते है. इसलिए इस चादर का नाम भी हिंदुस्तानी सतरंगी चादर रखा गया है, क्योंकि इस चादर में सभी धर्म और वर्ग के लोग शामिल होते हैं. 


कब मिलती है फ्री एंट्री
चादर पोशी के बाद ताजमहल उर्स का लंगर शुरू होता है. उर्स के शुरू के दो दिन ताजमहल में प्रवेश 2 बजे के बाद फ्री में होता है, जबकि आखिरी दिन ताजमहल में प्रवेश पूरे दिन मुफ्त होता है. ताजमहल उर्स के दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं और यहां की रस्मों, ताज की खूबसूरती का लुत्फ उठाते हैं.


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