आगरा, नितिन उपाध्याय। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत ने देश में आने वाले विदेशियों की एंट्री बैन कर दी है। सरकार ने विदेशों से आने वाले लोगों पर 15 अप्रैल तक रोक लगा दी है। सभी वीजा रद कर दिए गए हैं। इस निर्णय पर 13 मार्च से अमल शुरू हो गया है। विदेशियों की एंट्री बैन होने का सीधा असर आगरा के पर्यटन उद्योग पर पड़ रहा है।


आगरा टूरिज्म सिटी है और यहां हर महीने लगभग 90 हजार विदेशी पर्यटक ताज महल सहित आगरा के हेरिटेज को निहारने आते हैं। अब कोरोना के चलते आगरा के टूरिज्म को करोड़ों का नुकसान होता दिख रहा है। मार्च के महीने में भारत में बड़ी संख्या में विदेश पर्यटक आते हैं। गोवा, मुंबई या फिर देश के अन्य हिस्सों में आने वाले पर्यटक भी ताज की दीदार करने के लिए आगरा जरूर आते हैं। जानकारों की मानें तो मार्च का महीना पर्यटन के लिहाज से आगरा के लिए बेहतर होता है।



कोरोना वायरस के कारण एक महीने से आगरा का टूरिज्म ठप पड़ा हुआ है। आगरा की टूरिज्म इंडस्ट्री को नुकसान हो रहा है और इसके दूरगामी परिणाम भी देखने को मिलेंगे। एक महीने बाद यदि हालात सामान्य होते हैं तो इसके बाद भी आगरा की टूरिज्म इंडस्ट्री को इस मंदी से उबरने में काफी वक्त लग जाएगा।


आगरा में बड़ी संख्या में विदेशी सैलानियों का आवागमन रहता है। आंकड़ों के अनुसार आगरा में हर महीने लगभग 90 हजार विदेशी पर्यटक आते हैं। पर्यटक न केवल ताज महल देखते हैं बल्कि आगरा अन्य मॉन्यूमेंट्स में भी उनकी रुचि होती है। पर्यटक आगरा किला, बेबी ताज, फतेहपुर सीकरी और सिकंदरा को भी विजिट करते हैं। यदि इन सभी को कैलकुलेट किया जाए तो अकेले सिर्फ एएसआई और आगरा डेवलमेंट अथॉरिटी को लगभग 20 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ेगा।



सरकार के वीजा रद करने के आदेश के बाद अब एक महीने तक आगरा में विदेशी सैलानी नहीं आएंगे। ऐसे में आगरा की होटल इंडस्ट्री को भी मोटी चपत लगने वाली है। आगरा आने वाले 30 से 35 प्रतिशत विदेशी पर्यटक यहां स्टे भी करते हैं। आगरा में हर महीने होटल इंडस्ट्री का कारोबार लगभग 15 से 20 करोड़ का होता है। पिछले एक महीने में आगरा की होटल इंडस्ट्री को 70 से 80 फीसदी का नुकसान हुआ है। सीधे तौर पर कहा जाए तो कोरोना वायरस के कारण होटलों पर ताला लगाने की नौबत आ गई है।



टूरिज्म इंडस्ट्री के एक्सप‌र्ट्स की मानें तो ताज की टिकट से लेकर गाइड, फोटोग्राफर्स, टैक्सी, होटल, रेस्टोरेंट्स, हॉकर आदि के बिजनेस को जोड़ा जाए तो ये व्यापार कई सौ करोड़ रूपये महीने का होता है।
ताज महल पर हर महीने बड़ी तादाद में टूरिस्ट्स आते हैं। कोरोना वायरस के कारण एक महीने तक व्यापार तो प्रभावित रहेगा लेकिन इस बीच जरूरी ये भी है कि इस वायरस से ताज नगरी के लोग भी सुरक्षित रहें।