Agra Metro Train: ताज नगरी आगरा में मेट्रो का कार्य चल रहा है. आगरा में मेट्रो की एक लाइन शुरू हो चुकी है जबकि एक लाइन पर अभी काम चल रहा है. मेट्रो के चल रहे काम से स्थानीय लोगो में भय की स्थिति है, क्योंकि मेट्रो के कार्य से लोगो के मकान क्षतिग्रस्त हो रहे है, दीवारों में दरार आ रही है. स्थानीय लोगो के अनुसार सैकड़ों मकानों में दरारें आ गई है. घरों की दीवार चटक गई है जिसके चल लोग भयभीत है. मेट्रो कार्य के चलते लोगों के मकान में दरार से पड़ने से भयभीत कई परिवार अलग शिफ्ट होने पर मजबूर हैं. लोगों को डर है कि कहीं किसी दिन कोई हादसा ना हो जाए.
आगरा की एमजी रोड पर अंडरग्राउंड मेट्रो का कार्य चल रहा है जिसके चलते कई मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, इन मकानो में कई मकान काफी पुराने हैं जिनमें बड़ी-बड़ी दरारें आई है. स्थानीय लोगो का कहना है कि अंडर ग्राउंड खुदाई के चलते मकानों की यह हालत हुई जिनकी सुध लेना वाला कोई नहीं है. कई मकान ऐसे है जिन्हें जैक का सहारा दिया गया है. मकानों में आई दरार का आलम यह है कि अपने ही घरों में लोग भयभीत है.
क्या बोलें स्थानीय रहवासी?
लोगों का कहना है कि, पूरे घर में जैक लगा दिए गए ऐसे में घर में रहना मुश्किल हो रहा है. हमारी परेशानी को कोई देखने वाला नहीं है. स्थानीय लोगो का कहना है कि मेट्रो अधिकारियों की ओर से कहा गया था कि कहीं शिफ्ट हो जाओ, मेट्रो वालों ने कहा होटल में रह लो हम पैसे दे देंगे, पर अब फिर से हम अपने घर में आए है तो चारों ओर जेक लगे हुए है ऐसे में कैसे घर में रह सकते है. आगरा में सैकड़ों घरों में मेट्रो के कार्य से दरारें आ गईं हैं. कई मकानों को खड़ा रखने के लिए जैक भी लगाए गए हैं. यहां रहने वाले लोगों की जान आफत में फंसी हुई.
जानकारी के अनुसार सबसे अधिक खतरा मोती कटरा और सैय्यद गली पर है. आगरा कॉलेज से मनकामेश्वर मंदिर स्टेशन तक अंडरग्राउंड मेट्रो ट्रैक बनाया जा रहा है. यह सुरंग करीब दो किलोमीटर लंबी है. सुरंग बनाने के लिए गहरी खुदाई की गई है. स्थानीय लोगो का आरोप है कि धीरे धीरे घरों तक दरार दिखने लगी है. इस क्षेत्र में पुराने घरों की संख्या अधिक है. क्षतिग्रस्त हुए मकानों को लोगों ने अपने अपने घर को ठीक कराने की कोशिश भी की है.
यहाँ के स्थानीय लोगो ने बताया कि हमारे घरों में दरार आ गई है, रात में ज़ब मेट्रो की ड्रिल मशीन चलती है तो ऐसा लगता है कि कहीं घर गिर ना जाये. मेट्रो रेल परियोजना से जुड़े व्यक्ति निरीक्षण करने आते हैं लेकिन कोई सही जवाब नहीं मिलता है, मकानों के क्षतिग्रस्त होने के बाद भी मेट्रो की खुदाई का काम चल रहा है.
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