Raksha Bandhan 2021:  ताजनगरी आगरा में भाई बहनों के पवित्र पर्व को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. यहां ऐसी विशेष राखियां तैयार की जा रही हैं, जो कि वैदिक हैं. इस बार यह राखियां रक्षा बंधन पर भाइयों को कोविड-19 से बचाएंगी. आगरा के रानी लक्ष्मीबाई बाल केंद्र पर छोटी बच्चियों द्वारा ऐसी राखी बनाई जा रही हैं, जो भाइयों की कलाई पर बंधकर कोरोना से बचाएंगी. यह संघ के किशोरी विकास केंद्र की एक शाखा का उपक्रम है.


छोटी पोटली में 8 वस्तुओं को भरा जाता है


इन राखियों को वैदिक नाम दिया गया है. राखी बनाने से पहले एक छोटी पोटली तैयार की जाती जिसमें 8 वस्तुओं को भरा जाता है. पोटली के अंदर लौंग, इलायची, कपूर जावित्री, तुलसी, गिलोय, हल्दी को भर कर इसके ऊपर हाथों से कारीगरी की जाती है. जिस वजह से यह राखियां खास हैं. स्वयं सहायता समूह की सदस्य ममता बताती हैं कि, जिस तरह वैदिक काल में घरों में किसी को नजला ,सर्दी ,जुकाम, खांसी होता था तब दादी घरेलू नुस्ख़े के तौर कर यही सब चीजें धागे में बांधकर एक पोटली बनाकर बांध दिया करती थी. उसी को आधार बनाकर हमने यह राखियां बनाई हैं और इन्हें वैदिक राखी का नाम दिया है.


भाइयों को कोविड-19 का रक्षा सूत्र


बच्चों ने इस बार अच्छी पहल शुरू की है. अपने भाइयों को इस बार रक्षाबंधन पर कोविड 19 से रक्षा का सूत्र दिया है. इन राखियों से जो भी इनकम होती है वे आपस में बराबर बांटी जाएगी और जो कुछ पैसा बचेगा उसे समाज हित में लगाया जाएगा. आप भी अपने लिए राखियों का आर्डर दे सकते हैं. यह लोग केवल आर्डर के जरिए ही राखियां तैयार करते हैं. 


राखी बनाने में लागत 30 रुपये आती है.


एक राखी की लागत लगभग 30 रुपये की है, जिसे बाजारों में 50 रुपये तक आप आसानी से बेच सकते हैं. यह राखी पूरी तरह से हाथों के द्वारा बनाई गई हैं. ये बेहद सस्ती अच्छी व टिकाऊ होती हैं और सबसे खास कि ये कोरोना से बचाव में बड़ी मदद करेंगी. साथ ही इससे जुड़ा प्रॉफिट बच्चों की पढ़ाई के काम में आएगा.


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