UP News: गंगा दशहरा के पर्व पर आपने गंगा नदी या फिर यमुना नदी में स्नान किया होगा, या फिर आपने सुना होगा कि गंगा जल या यमुना जल में लोग स्नान करते है और अपनी मनोकामनाओ को पूर्ण करते. लेकिन कभी आपने सुना है कि गंगा दशहरा के पर्व पर जल से नहीं बल्कि रेत से स्नान किया जाता हो. ताजनगरी आगरा में लोगो ने यमुना नदी के जल से नहीं बल्कि रेत से स्नान किया है, एक सामूहिक रूप से रेत से स्नान कर रहे है लोग रिवर कनेक्ट कैंपेन से जुड़े हुए हैं और यमुना नदी में पानी न होने के चलते आक्रोश व्यक्त करते हुए अनोखा प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे लोग अपने ऊपर यमुना नदी का रेत डाल रहे हैं. 


आज गंगा दशहरा है और आज के दिन गंगा या यमुना नदी में स्नान करने करने विशेष महत्व माना जाता है पर ये लोग पानी से नहीं बल्कि रेत से स्नान कर रहे हैं. आमतौर पर गंगा जल या फिर यमुना जल से स्नान किया जाता है पर आगरा में आस्था की डुबकी लगाने वाले लोग यमुना नदी के रेत से स्नान कर रहे है. क्योंकि यमुना नदी में पानी नहीं है, यमुना नदी में आस्था रखने वाले लोगों का ये अनोखा प्रदर्शन है. सामूहिक रूप से लोगों ने यमुना नदी के रेत से स्नान किया, यमुना की बालू को बाल्टी से भरकर सिर के ऊपर डाल रहे हैं. इस अनोखे प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार से मांग की है कि आगरा में बैराज दो नहीं यमुना नदी मर जाएगी. गंगा दशहरा के पर्व पर भी यमुना में पानी नहीं है तो स्नान कहां से किया जाए, इसलिए हम लोग यमुना की बालू यानी रेत से स्नान कर रहे हैं.


अनोखा प्रदर्शन कर रहे है कि यमुना आरती महंत का कहना है कि आज हम दुखी है क्योंकि जब गंगा दहशरा के पर्व पर यमुना नदी में स्नान करने आए तो देखा कि यहां पानी नहीं है बल्कि चारों तरफ खाली मैदान पड़ा है. नदी नाले गिर रहे है, यमुना नदी में पानी तो बचा ही नहीं है, यमुना नदी मर रही है. सरकार से मांग करते है कि यमुना नदी को बचा लो, जब यमुना मईया में पानी नहीं होगा तो क्या करेंगे, इसलिए हमने सोचा पानी न सही यमुना नदी के रेत से ही स्नान किया जाए. क्योंकि हमारे ब्रज यमुना के रेत को रज कहा जाता है और ये यमुना मईया की गोद जैसा है, सरकार जागे और यमुना नदी को बचाए.


'ये RSS का काम नहीं...', अयोध्या में बीजेपी की हार पर पहली बार बोले चंपत राय