UP News: आगरा (Agra) में गर्भस्थ शिशु के लिंग परीक्षण और की जांच कर रहे डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ या दलालों की अब खैर नहीं है. इस गोरखधंधे में संलिप्त लोगों पर नकेल कसने के लिए यूपी सरकार की मुखबिर योजना को आगरा स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने प्रभावी तरीके से लागू कर दिया है. इस योजना के तहत मुखबिर को 2 लाख रुपए तक इनामी राशि दी जा सकती है. आगरा सीएमओ (CMO) डॉ अरुण श्रीवास्तव की कोशिश है कि कैसे भी जो आगरा के तमाम अस्पताल में यह धंधे चला रहे हैं, इस गोरखधंधे पर लगाम लग सके. इस काम से जुड़े डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ और दलाल जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे.


क्या है योजना?
आगरा सीएमओ डॉ अरुण श्रीवास्तव के मुताबिक मुखबिर योजना के तहत दो लाख रुपए तक नकद पुरस्कार की व्यवस्था है. इसमें गर्भस्थ शिशु की जांच करवाने के लिए डमी गर्भवती को एक लाख रुपए, मुखबिर को 60 हजार रुपए और सहायक को 40 हजार रुपए दिए जाते हैं. इस योजना में 3 किस्तों में पैसा जाता है. पहली किस्त ऑपरेशन को अंजाम होने पर जारी की जाती है और दूसरी किस्त कोर्ट में पहली गवाही के पश्चात और तीसरी किस्त कोर्ट के फैसले के बाद जारी की जाती है. आगरा में पीसीपीएनडीटी एक्ट (PCPNDT Act) के तहत दर्ज हुए एक मुकदमे में मुखबिर को इस योजना के तहत पुरस्कार राशि मिली है.


Saharanpur News: नूपुर शर्मा के बयान के खिलाफ जुमे की नमाज के बाद बवाल, अब तक 45 लोग गिरफ्तार


क्या है मामला?
दरअसल, हरियाणा और स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 21 मई को संयुक्त रूप से ट्रांस यमुना कॉलोनी फेस टू में प्रिया हॉस्पिटल में छापेमारी कर गर्भस्थ शिशु के लिंग परीक्षण और गर्भपात का मामला पकड़ा था. इस मामले में हॉस्पिटल संचालक डॉ राजीव कुमार, नर्स, दलाल सहित आठ लोगों के नामजद और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. डॉक्टर समेत कई सहयोगी जेल भेजे गए थे. तभी से ये सवाल खड़ा हुआ था कि बाहरी राज्यों की टीम ही आगरा आकर छापा मारती हैं. लेकिन आगरा स्वास्थ्य विभाग कोख के कातिलों पर क्यों आंखें मूंदे रहता है. इसलिए स्वास्थ्य विभाग इस बार इन लोगों को बेनकाब कर एक सख्त संदेश देना चाहता है.


गर्भपात पर सख्ती
एक तरफ स्वास्थ्य विभाग ने मुखबिर योजना का प्रचार प्रसार करना शुरू किया है. वहीं मई महीने के आखिरी सप्ताह में स्वास्थ्य विभाग के 'ऑपरेशन गर्भपात' की शुरुआत हो चुकी है. इसके लिए 3000 आशाओं को इस ऑपरेशन में लगाया गया है. जो गर्भपात कराने वाली महिलाओं पर नजर रख रही हैं. आशा स्टाफ गर्भवती महिलाओं की जानकारी डायरी में नोट कर रही हैं. साथ ही अन्य प्रदेश से आने वाले मरीजों की जानकारी रखने के लिए टीमें लगाई गई हैं.


ये भी पढ़ें-


UP News: सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए निर्देश, कानून-व्यवस्था बाधित करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई