Agra News: आगरा में साइबर फ्रॉड का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें विंग कमांडर को साइबर ठगों ने अपना निशाना बनाया है. एक डिजिटल लिंक के जरिए विंग कमांडर के साथ साइबर फ्रॉड किया गया और खाते से एक करोड़ 99 लाख रुपये गायब कर दिए. साइबर ठग ने विंग कमांडर को एक डिजिटल लिंक भेजा और उसे ओपन करने के लिए कहा, जब विंग कमांडर ने लिंक ओपन किया तो उनके खाते से एक करोड़ 99 लाख रुपये चुरा लिए गए. जिस पर विंग कमांडर ने आगरा के साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए एसीपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया.


वहीं टीम ने बड़ी गहनता से इस मामले की जांच शुरू की. फिर विंग कमांडर द्वारा साइबर थाने में वह लिंक दिखाया गया जिसके जरिए यह साइबर फ्रॉड हुआ, पुलिस ने उस लिंक की गहनता से जांच पड़ताल की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. जांच में पता चला कि यह एक बहुत बड़ा रैकेट है जो लोगों के साथ साइबर फ्रॉड कर रहा है और उनकी मेहनत की कमाई को खाते से चुरा लेता है. विंग कमांडर के साथ हुए साइबर फ्रॉड की जब आगरा पुलिस ने जांच शुरू की तो धीरे-धीरे कर परते खुलने लगी और कानपुर के दो व्यक्तियों का नाम सामने आया.


विंग कमांडर के साथ हुए फ्रॉड में रकम जिस खाते में ट्रांसफर हुई वह नए खाते थे और इनका सर्वर विदेश में था जिसकी वजह से प्रॉपर ट्रेस नहीं हो पा रहे थे. कानपुर के जिन दो लोगों का नाम सामने आया तो पुलिस ने उन अभियुक्तों से पूछताछ की और पूछताछ में यह पूरा खुलासा हुआ है. पूछताछ में साइबर ठगों द्वारा 42 बैंक अकाउंट सामने आए हैं जिनमें 6 करोड़ से अधिक की धनराशि जमा है, जिसे पुलिस ने फ्रीज कर दिया है. इसके साथ ही उनके सर्वर का नेटवर्क विदेश से ऑपरेट हो रहा है उसकी जांच की जा रही है.


बैंक कर्मचारी भी है साइबर फ्रॉड में शामिल 


आगरा के डीसीपी सिटी सूरज राय ने खुलासा करते हुए बताया कि विंग कमांडर के साथ एक करोड़ 99 लाख रुपये का साइबर फ्रॉड हुआ था. जिस पर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ, पुलिस ने अपनी जांच पड़ताल शुरू की तो कई चीजें सामने आने लगीं. इसमें दो लोगों का नाम सामने आया जो कानपुर के हैं, उनसे जब पूछताछ की गई तो मामले का खुलासा हुआ. पूछताछ में हमारे सामने 42 बैंक खाते सामने आए हैं जिनको फ्रीज कर दिया गया है. बैंक खाते में करीब 6 करोड रुपये की धनराशि जमा है, साइबर फ्रॉड का नेटवर्क विदेश से ऑपरेट हो रहा है.


डिजिटल लिंक भेज कर करते हैं ठगी


इसके साथ ही गिरफ्तार हुए दोनों अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि यह नए बैंक अकाउंट खोलते हैं. इसमें बैंक के कर्मचारी भी शामिल हैं, इसके साथ ही यह नए लोगों को चिन्हित कर उनके साथ साइबर फ्रॉड करते हैं और डिजिटल लिंक भेज कर या लालच देकर उनसे लिंक ओपन करते हैं. जिसके बाद खाते से पैसा इनके खाते में ट्रांसफर हो जाता है, दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है बाकी और लोगों को भी चिन्हित किया गया है. अन्य लोगों की भी जल्द गिरफ्तारी होगी.


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