Azamgarh News: आजमगढ़ के अहरौला थाना क्षेत्र के मड़ना गांव में एक नवनिर्मित दीवार को तोड़े जाने का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में कई दिन पहले निर्माण की गई दीवार के टूटे होने के दृश्य नजर आ रहे हैं. रामसूचित मौर्य अहिरौला थाने के चौकीदार हैं, इनका जमीनी विवाद बगल के रमेश गौड़ के परिवार से बताया गया है. पीड़ित के अनुसार एसडीएम के निर्देश पर राजस्व टीम के द्वारा ज़मीन की माप की गई थी. चिन्हित जमीन पर रामसूचित मौर्य व भाई राम सम्हार मौर्य के 29 दिसंबर को पुलिस बल की मौजूदगी दीवार बनवाई गई थी. इसे शुक्रवार को दोपहर में विपक्षियों द्वारा गिरा दिया गया. दीवार गिराने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
पीड़ित का आरोप है पुलिस को फोन करते रहे लेकिन पुलिस जब दीवार पूरी तरह से गिरा दी गई तो उसके बाद खाना पूर्ति करने पहुंची. विरोध करने पर दबंगों ने राम सूचित मौर्य, इनकी पत्नी सुनरी देवी, सुनीता को ईंट पत्थर से हमला करर घायल कर दिया. पीड़ितों का आरोप है कि यह सब पुलिस की मिली भगत से विपक्षियों ने किया है. पुलिस ने पहले दीवार बनाई फिर पुलिस की शह पर ही विपक्षियों ने दीवाल गिरा दिया. अहरौला थाने में तैनात चौकीदार सूचित मौर्य ने अपने ही थाने के थाना अध्यक्ष मनीष पाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
थानाध्यक्ष पर रिश्वत लेने का आरोप
चौकीदार का कहना है कि थाना अध्यक्ष ने दीवार जुड़वाने के लिए दो लाख की मांग की. किसी तरह से रिश्तेदार और दोस्तों से बड़ी मुश्किल के बाद एक लाख रु की व्यवस्था कर थाना अध्यक्ष को दिया. इसके बाद थाना अध्यक्ष ने पुलिस की मौजूदगी में राजस्व टीम द्वारा माप की गई. जमीन पर दीवार बनवाया दीवार बनने के बाद थाना अध्यक्ष चौकीदार से शेष एक लाख रुपए की मांग की तो चौकीदार ने उन्हें पैसा देने में असमर्थता व्यक्ति की. इसके बाद थाना अध्यक्ष ने विपक्षियों से मिलकर उसकी दीवार गिरा दी. इसकी शिकायत चौकीदार राम सुचित मौर्य ने डीआईजी आजमगढ़ से की. डीआईजी ने थाना अध्यक्ष के विरुद्ध जांच का आदेश एसपी ग्रामीण चिराग जैन को दिया.
एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि अहरौला थाना क्षेत्र के मड़ना गांव में रामसूचित मौर्य और रमेश गौड़ के बीच जमीनी विवाद था. पूर्व में भी राजस्व टीम द्वारा सीमांकन कराया गया था.जिसके आधार पर आवेदक रामसूचित मौर्य द्वारा जमीन पर निर्माण कराया जा रहा था. 29 दिसंबर 2024 को विपक्षी द्वारा निर्माण कार्य करने से रोकने लगा. जिसके बाद दोनों पक्षों में विवाद होने लगा. सूचना मिलने पर थाना पुलिस ने दोनों पक्षों का चालान भी किया. इसके बाद 3 जनवरी को विपक्षी द्वारा बिना किसी के मौजूदगी में अचानक से दीवाल तोड़ दी गई. जिस पर थाना में मुकदमा भी दर्ज किया गया.
'आरोप सही पाए जाने पर होगी कार्रवाई'
आवेदक राम सूचित मौर्य द्वारा यह आरोप लगाया कि थाना अध्यक्ष द्वारा पैसे लेकर हमारा काम कराया जा रहा था, पैसा ना देने पर विपक्षी से मिलकर हमारी दीवार तुड़वा दी गई है. इसकी मामले की डीआईजी के आदेश पर जांच की जा रही है. जो भी तथ्य जांच के बाद प्रकाश में आएंगे. उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. एसपी ग्रामीण ने कहा कि चौकीदार द्वारा थाना अध्यक्ष को पैसा देने की बात गंभीर विषय है, अगर जांच में इस तथ्य की पुष्टि होती है तो तो बड़ी से बड़ी कार्रवाई में की जाएगी.
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