मुशर्रफ के रिश्तेदार के फंक्शन में गाना पड़ा महंगा, मीका सिंह पर भारत में लगा बैन
कराची में मुशर्रफ के रिश्तेदार की बेटी के शादी के फंक्शन में गाना मीका सिंह को बहुत महंगा पड़ा है। AICWA ने मीका पर बैन लगा दिया है। अब वे भारत में किसी के साथ भी काम नहीं कर सकते हैं।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के रिश्तेदार की बेटी की शादी के फंक्शन में परफॉर्म करना सिंगर मीका सिंह को काफी महंगा पड़ गया है। अपनी इस परफॉर्मेंस के लिए कड़ी आलोचना झेल रहे मीका को अब ऑल इंडियन सिने वर्कर्स असोसिएशन (AICWA) के गुस्से का भी सामना करना पड़ा है। AICWA ने मीका पर बैन लगा दिया है। जिसका एक ऑफिशियल स्टेटमेंट भी जारी किया गया है।
अगर बैग के खिलाफ मीका के साथ किसी ने काम किया तो....
बीते दिनों कराची में मीका ने मुशर्रफ के रिश्तेदार की बेटी की शादी में परफॉर्म किया था, जिसकी सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई थी। अब सिंगर की इस परफॉर्मेंस के लिए AICWA ने सख्त कदम उठाते हुए उनपर बैन लगा दिया है। असोसिएशन द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि अगर बैन के खिलाफ जाकर कोई भी मीका के साथ काम करना चाहता है, तो उसके भी खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अपने बयान में AICWA ने ये भी कहा कि मीका ने देश और देश के सम्मान के ऊपर पैसों को अहमियत दी, जो की दुर्भाग्यपूर्ण है।
जानें, मीका सिंह से जुड़ा ये पूरा विवाद क्या है?
- 8 अगस्त की रात को कराची में मीका सिंह ने परफॉर्म किया था। जिस पार्टी में उन्होंने परफॉर्म किया, वहां ISI के शीर्ष अधिकारी समेत भारत के मोस्टवांडेड दाऊद इब्राहिम के परिवार के लोग में मौजूद थे।
- ये जनरल मुशर्रफ के रिश्तेदार की बेटी की शादी के फंक्शन की पार्टी थी। मीका ने मेंहदी की रस्म के दौरान परफॉर्म किया था।
- कराची की इस हाईप्रोफाइल पार्टी का आयोजन मुशर्रफ के करीबी कहे जाने वाले और उनके रिश्तेदार अदनान असद ने किया था। असद की ही बेटी की शादी का ये फंक्शन था। जिसके मेंहदी के फंक्शन में उन्होंने 'मीका सिंह नाइट' का आयोजन किया था।
- लोगों का गुस्सा इसलिए भी मीका पर है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद उन्होंने ये पर्फार्मेंस दी। जबकि पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहा था। यहां तक की, पाकिस्तान ने तो भारतीय सिनेमा पर भी बैन लगा दिया था। मीका के इस कदम को लोगों ने देशभक्ति से जोड़ते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
- बता दें कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के प्रभाव को खत्म करने का प्रस्ताव संसद में पेश किया गया था। धारा 370 जम्मू-कश्मीर को कई विशेषाधिकार देती थी। इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया है- एक लद्दाख और दूसरा जम्मू-कश्मीर। यहां तक की जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा भी छीनकर उसे और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश घोषित कर दिया गया है।