Gyanvapi Mosque News: ज्ञानवापी मस्जिद केस (Gyanvapi Masjid Case) की शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने तीन सुझाव दिए. जिसमें, पहला कोर्ट को मामले का निपटारा करने दें. दूसरा, हमने एक अंतरिम आदेश पारित किया है, जिसमें ट्रायल कोर्ट को किसी भी आदेश को देने पर रोक लगाई है. वहीं तीसरे आदेश में कहा गया कि मामले की सुनवाई अब जिला जज वाराणसी करेंगे. शीर्ष अदालत के इस फैसले पर एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) भड़क गए.
इस एक्ट का दिया हवाला
हैदराबाद के साथ ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि अदालत इस मामले को जल्द ही खत्म कर देगी. उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से मैं निराश हूं. इस मामले में पूजा स्थल अधिनियम, 1991 स्पष्ट रूप से लागू होता है. जिसमें सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि भविष्य में ऐसा कोई विवाद न उठे. अब मुस्लिस समुदाय को डर है कि बाबरी मस्जिद का इतिहास दोहराया जाएगा. ऐसे में वो अपनी आंखों के सामने एक और मस्जिद नहीं खोना चाहते."
सर्वे को बताया गलत
बाबरी मस्जिद का हवाला देते हुए ओवैसी ने कहा, "यह चबूतरे से शुरू हुआ फिर गुप्त रूप से मूर्तियों को रखा गया और अंत में गिरा दिया गया. जिसके बाद वहां पूजा शुरू की गई और अब उस मामले में सभी को निर्दोष ठहरा दिया गया." कोर्ट के निर्णय पर ओवैसी ने कहा कि मस्जिद में सर्वे कराना ही गलत है, ये देश का माहौल खराब करने की कोशिश है. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि डीएम भी याचिकाकर्ताओं के साथ सहयोग कर रहे हैं.
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