UP Halal Product Ban: हलाल उत्पादों में सरकार द्वारा की गयी बैन की कार्यवाही के बाद कानपुर में फ़ूड डिपार्टमेंट हरकत में आ गया है. फ़ूड डिपार्टमेंट ने कानपुर के Z स्क्वायर मॉल में बने नामचीन कम्पनी के स्टोर में छापेमारी की कार्यवाही की है. वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड हलाल सर्टिफिकेट पर लगी पाबंदी की मुखालफत करने की तैयारी में है. AIMPLB के संस्थापक सदस्य मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि हलाल प्रोडक्ट पर लगा बैन मौलिक अधिकारों के खिलाफ है.
मोहम्मद सुलेमान का कहना है कि सरकार ने इस्लामोफोबिया के चलते हलाल प्रोडक्ट्स पर बैन लगाया है. उन्होंने हलाल प्रोडक्ट पर बैन लगाने की इस कार्रवाई को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित बताया है. उनका कहना है कि सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी. उन्होंने कहा कि हलाला प्रोडक्ट पर बैन के बाद अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड हाईकोर्ट में अपील करेगा.
हलाल प्रोडक्ट पर बैन का विरोध
कानपुर में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मोहम्मद सुलेमान ने हलाल प्रोडक्ट लिखे जाने के मामले में प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सरकार द्वारा इस पर बैन लगाए जाने के खिलाफत की है. सुलेमान ने यह भी कहा की देश में प्रोडक्ट में हलाल लिखने पर बैन लगाया गया है, लेकिन निर्यात करने वालों को लिखे जाने की छूट दी गई है. ऐसे में टेरर फंडिंग की बात की जाए तो प्रोडक्ट को निर्यात करने वाले इसमें फायदा उठा सकते हैं, लेकिन जो चीज देश के अंदर बिकती हैं, उनमें हलाल लिखने पर बैन लगाया जाना बेहद गैर जिम्मेदाराना फैसला है.
हलाल प्रोडक्ट से सरकार को नहीं होगा नुकसान
मोहम्मद सुलेमान ने कहा विदेश में संविधान के मुताबिक सभी को यह आजादी है कि उसे क्या खाना है और क्या पहनना है. उसके बावजूद इस तरह के फैसले और खाने-पीने के समान पर इस तरह से एक विषय बनाकर प्रतिबंध लगाना ठीक नहीं है. इसके साथ ही किसी प्रोडक्ट पर इसके साथ ही किसी प्रोडक्ट पर हलाल लिखे जाने से प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को किसी भी तरह का कोई नुकसान भी नहीं होना है. फिर भी इस तरह का प्रोपेगेंडा बनाकर बिना वजह का हलाल लिखे जाने का मुद्दा खड़ा किया गया है.
सरकार पर लगाया इस्लाम के खिलाफ काम करने का आरोप
सुलेमान ने कहा कि इस तरह से किसी प्रोडक्ट पर बैन लगाए जाना इसके अलावा सरकार के पास कानूनी रास्ता है कि उसके खिलाफ मुकदमा किया जाए ना की बैन लगाया जाए. उनका कहना है कि 'सरकार इस तरह से एक खास विचारधारा के विपरीत काम करने का काम कर रही है. लगता है सरकार इस्लामों फोबिया से ग्रसित है.' उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का लीगल पैनल इस मामले को लेकर चर्चा करेगा, जरूरत पड़ने पर कोर्ट भी जाएगा.
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