भारी बर्फबारी की वजह से फंसे आईटीबीपी के जवान, एयरफोर्स की ली जाएगी की मदद
रिलकोट में भारी बर्फबारी के बीच फंसे आईटीबीपी जवानों को निकालने के लिए वायुसेना की मदद ली जायेगी। इस बार समय से पहले ही भारी हिमपात हो गया जिस कारण जवान समय रहते नीचे नहीं आ पाए।
देहरादून, एबीपी गंगा। मुनस्यारी के रिलकोट मे बर्फबारी के बीच फंसे आईटीबीपी के आठ जवानों व सात पोर्टरों को सुरक्षित निकालने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। आईटीबीपी ने रिलकोट में हैलीपैड तैयार कर लिया है साथ ही एयरफोर्स अधिकारियों से फंसे जवानों, पोर्टरों को निकालने के लिए पत्र लिखा गया है।
आईटीबीपी 14वीं वाहिनी के सेनानायक अशोक कुमार ने बताया कि जवानों को 14 दिसंबर को रिलकोट से बुगड़यार आना था। पांच से छह फीट तक बर्फ गिरने से आठ जवान सात पोर्टर फंसे हैं। उन्होंने बताया कि जवानों के पास पर्याप्त राशन मौजूद है, लेकिन उन्हें सुरक्षित निकाला जाना जरूरी है।
कुमार ने बताया कि बुगड़यार में 19 जवान व 4 पोर्टर हैं। 16 दिसंबर को सभी जवानों व पोर्टरों को मुनस्यारी आना था। बुगड़यार में 2 फीट बर्फ होने से जवान वहां से आगे नहीं बढ़ पाए। उन्होंने बताया कि फंसे जवानों को निकालने के लिए 9 पोर्टरों को भेजा गया है।
पूरे मामले पर जिलाधिकारी डां. विजय कुमार जोगंदडे ने बताया कि प्रशासन और आईटीबीपी की पैनी नजर है। जवानों के लिए पर्याप्त राशन की व्यवस्था है। फंसे जवानों, पोर्टरों को निकालना कठिन चुनौती है उन्हें निकालने के लिए हैलीपैड व मार्ग से पांच छह फीट बर्फ हटानी होगी।
बता दें कि हर साल दिसम्बर माहीने में चीन सीमा से लगी रिलकोट और बुगड़यार की अस्थाई चौकियों से जवान मिलम और लीलम चौकियों की तरफ आ जाते हैं। मगर इस बार समय से पहले ही भारी हिमपात हो गया। जिस कारण जवान समय रहते नीचे नहीं आ पाए।