बुलंदशहर: लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण को देखए हुए एनजीटी की तरफ से स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि प्रशासन ऐसे लोगों पर कार्रवाई करे जो हवा को जहरीला कर रहे है. लेकिन, बुलंदशहर जिले में एनजीटी और डीएम के आदेशों की धज्जियां उड़ाने वालों की कमी नहीं है. जिले में कई जगह इस तरह से निर्माण कार्य किया जा रहा है, जहां मानकों की अंनदेखी हो रही है. इतना ही नहीं अवैध कॉलोनियां भी धड़ल्ले से बनाई जा रही हैं.
नहीं किया जा रहा है मानकों का पालन
बुलंदशहर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिए थे की जिले में वायु प्रदूषित करने वालों पर सम्बन्धित विभाग की तरफ से कार्रवाई की जाए. जिले में वायु प्रदूषण 350 के पार पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है. जिलाधिकारी के सख्त आदेश हैं कि बिना मानकों के निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा. कोई भी निर्माण कार्य करने के लिए मानकों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है, जिससे बढ़ते वायु प्रदूषण पर लगाम लग सके. बावजूद इसके जिले के खुर्जा नगर क्षेत्र में एक दो या तीन जगह नहीं बल्कि दर्जनों के हिसाब से निर्माण कार्य किए जा रहे हैं. जहां मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है.
आदेश केवल कागजों तक सीमित
इतना ही नहीं खुर्जा विकास प्राधिकरण की नाक के नीचे धड़ल्ले से अवैध कॉलोनी भी बनाई जा रही है. निर्माणाधीन इमारतों पर प्रदूषण रोकने के लिए न तो ग्रीन कवर है और न ही मजदूर मास्क का प्रयोग कर रहे हैं. ऐसे हालात को देखते साफ जाहिर होता है कि अधिकारियों के आदेश केवल कागजों तक सीमित है. जबकि, जमीनी स्तर पर खुर्जा विकास प्राधिकरण कोई कार्रवाई करता नजर नहीं आ रहा है.
रेड जोन में है जिला
इस पूरे मामले पर खुर्जा विकास प्राधिकरण के सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा का कहना है कि अवैध निर्माण को रोकने के लिए अलग-अलग क्षेत्र के हिसाब से जेई की तैनाती की गई है. यदि कोई भी अवैध निर्माण या मानकों की अनदेखी का मामला सामने आता है तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. बुलंदशहर में वायु प्रदूषण 350 के पार पहुंच गयाहै, जिला रेड जोन में है. लेकिन सवाल ये उठता है कि विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों के सक्रिय होने के बाद भी नगर क्षेत्र में अवैध कॉलोनियां किसकी शह पर बन रही हैं.
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