मेरठ: पटाखों पर बैन का असर दिखा, शहर की आबोहवा में हुआ सुधार, लोगों ने कहा-पर्यावरण को बचाना है
मेरठ में दीवाली के दूसरे दिन हवा की गुणवत्ता सकारात्मक सुधार दिखा. इस दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स भी पहले से बेहतर दिखा. एनजीटी की सख्ती का असर प्रभावशाली तरीके से सामने आया.
मेरठ: दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी और सरकार ने इस बार यह निर्णय लिया कि इस बार की दीपावली बिना पटाखों की होगी ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके. आपको बता दें कि, मेरठ में पिछली दीपावली के दूसरे दिन AQI 341 था, लेकिन इस बार दीपावली के दूसरे दिन AQI 233 है यानी NGT और सरकार की पहल से वायु प्रदूषण में थोड़ा सुधार जरूर हुआ है.
AQI में हुआ सुधार
मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के बाहर धुंध की चादर हल्की-हल्की आई हुई है, लेकिन अगर पिछले वर्ष की तुलना आज से करें तो वायु प्रदूषण का स्तर काफी कम हुआ है, क्योंकि पिछले वर्ष दीपावली के दूसरे दिन एक्यूआई 341 था लेकिन इस बार दीपावली के दूसरे दिन AQI 233 भारी कमी देखने को मिली है और यह कमी सिर्फ इसलिए हुई है क्योंकि सरकार और एनजीटी ने इस बार बिना पटाखों की दीपावली मनाने की इजाजत दी थी.
पर्यावरण को बचाना है
हालांकि एबीपी गंगा ने उन लोगों से भी बात की जो सुबह सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे. इन लोगों का कहना है कि इस बार वायु प्रदूषण के स्तर में थोड़ा सुधार जरूर देखने को मिला है, लेकिन पटाखे पूरी तरह प्रतिबंध नहीं था, लेकिन फिर भी काफी राहत है, और सभी को पर्यावरण के बारे में सोचना चाहिए. इस लिए सरकार जो भी आदेश करे, उसका पालन हो ताकी पर्यावरण बचाया जा सके.
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