हॉरर फिल्में बनाने वाले रामसे ब्रदर्स के बारे में कितना जानते हैं आप, अब ये बड़ा एक्टर बताएगा Inside Story
अजय देवगन और प्रीति सिन्हा ने रामसे ब्रदर्स की बायोपिक का नाम रखा है 'द रामसे बायोपिक'। फिल्म को रितेश शाह ने लिखा है। रामसे ब्रदर्स ने तकरीबन 30 से ज्यादा हॉरर फिल्में बनाई हैं।
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एंटरटेनमेंट डेस्क, एबीपी गंगा। 1972 में हॉरर फिल्म 'दो गज जमीन के नीचे' बनाने वाले फिल्म निर्माता फतेहचंद रामसे की खुद की कहानी अब बड़े परदे पर उतरने जा रही है। बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन और चर्चित फिल्म 'अंदाज अपना अपना' के निर्माता विनय सिन्हा की बेटी प्रीति ने रामसे ब्रदर्स पर फिल्म बनाने का फैसला किया है। हिंदी सिनेमा में हॉरर फिल्मों के निर्माता श्याम रामसे का जन्म 17 मई 1952 को मुंबई में हुआ था। श्याम रामसे भी रामसे बदर्स के सात भाइयों में से एक थे। श्याम ने ही बॉलीवुड की पहचान भूत-प्रेत की कहानियों से करवाई।
रामसे ब्रदर्स ने तकरीबन 30 से ज्यादा हॉरर फिल्में बनाई हैं। इनमें से कुछ फेमस फिल्में थीं, वीराना, पुराना मंदिर, पुरानी हवेली और बंद दरवाजा। इस फिल्म की एक रोचक बात यह है कि फिल्म केवल 40 दिनों में शूट हुई थी। उस वक्त फिल्मों को पूरा होने में एक साल और 50 लाख रुपये लग जाते थे लेकिन 'दो गज जमीन के नीचे' केवल साढ़े तीन लाख रुपए में बनीं थी।
हिंदी सिनेमा में वीराना, पुराना मंदिर, पुरानी हवेली जैसी फिल्में हॉरर सिनेमा की कल्ट फिल्में मानी जाती हैं। दो गज जमीन के नीचे से इन फिल्मों की शुरुआत हुई। दो गज जमीन के नीचे बनाने से पहले उन्होंने शहीद-ए-आजम भगत सिंह, रुस्तम सोहराब और एक नन्ही मुन्नी लड़की थी जैसी फिल्में बनाई। ये तीनों फिल्में फ्लॉप रहीं थीं।
एक नन्ही मुन्नी लड़की थी तो फ्लॉप फिल्म लेकिन इस फिल्म में पृथ्वीराज कपूर का मुखौटा पहनकर मुमताज को डराने का सीन सुपरहिट रहा। इस सीन को लोगों ने खूब पसंद किया जिसके बाद रामसे सीनियर ने दो गज जमीन के नीचे बनाने का फैसला किया। फिल्म की रिलीज से पहले आधे घंटे का रेडियो शो विविध भारती पर प्रसारित किया गया था। रेडियो शो की वजह से फिल्म की रिलीज के पहले ही देश के सारे सिनेमाघरों में हाउसफुल के बोर्ड लग गए थे।
रामसे बदर्स ने अपनी फिल्मों की शुरुआत लो बजट वाली हॉरर फिल्म से की। वहीं वह फिल्म की स्क्रिप्ट बहुत लंबी नहीं रखते थे। रामसे ब्रदर्स के ऊपर लिखी गई किताब Dont disturb the dead- the story of ramsay brother में इनके परिवार के बार में बताया गया है। किताब में लिखा है। रामसे परिवार विभाजन के बाद मुंबई आ गया। उनके परिवार का इलेक्टॉनिक्स का कारोबार था। सत्तर के दशक में हॉरर फिल्मों का निर्माण करने से कई साल पहले 1954 में ही रामसे का परिवार फिल्म निर्माण की दुनिया में उतर चुका था। फतेहचंद रामसे के सातों बेटों कुमार रामसे, केशू रामसे, तुलसी रामसे, करन रामसे, श्याम रामसे, गंगू रामसे और अर्जुन रामसे ने अपने पिता की हॉरर फिल्म की विरासत को आगे बढ़ाया।
अजय देवगन और प्रीति सिन्हा ने रामसे ब्रदर्स की बायोपिक का नाम रखा है 'द रामसे बायोपिक'। फिल्म को रितेश शाह ने लिखा है। इस बारे में प्रीति सिन्हा ने कहा कि, 'रामसे परिवार की तीन पीढ़ियों ने भारत में हॉरर सिनेमा का सफल साम्राज्य स्थापित किया है। मैं और अजय इस बात को लेकर गौरान्वित महसूस कर रहे हैं कि हम इस परिवार के जुनून, मेहनत और शानदार कामयाबी को परदे पर उतारने जा रहे हैं। रामसे परिवार को हम धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हम पर भरोसा किया और ये बायोपिक बनाने का अधिकार हमें दिया।'
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