लखनऊ, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश में हुए UPPCL के कर्मचारियों के भविष्य निधि घोटाले में भले ही सरकार ने तेजी से कार्रवाई की हो, दो दोषी अफसरों को गिरफ्तार किया हो और पूरे मामले कि सीबीआई जांच की संस्तुति की हो लेकिन इस पूरे मामले को लेकर विपक्षी दल सरकार के भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। खासतौर से कांग्रेस जिसे बैठे बिठाए एक ऐसा मुद्दा मिल गया है जिस पर पार्टी अब सरकार को घेरने में जुट गई है।


घोटाले को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। अजय लल्लू ने साफ तौर पर कहा कि यह पूरा घोटाला कहीं न कहीं बीजेपी सरकार के चाल चरित्र और चेहरे को उजागर करता है। अजय लल्लू ने कहा कि अगर घोटाले की बात जुलाई में सामने आई थी तो सरकार ने तब कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। ये सरकार तब नींद से जागी जब प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसे लेकर ट्वीट किया।


अजय लल्लू ने मुख्यमंत्री से ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को पद से बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक समेत ऊर्जा मंत्री के खिलाफ भी केस दर्ज कराना चाहिए। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि DHFL कंपनी ने भारतीय जनता पार्टी को 20 करोड़ का चंदा भी दिया था।



अजय लल्लू ने यह भी कहा की डीएचएफएल के कर्मचारी लगातार ऊर्जा मंत्री से मिलते थे, लखनऊ के ऑफिस, आवास और मथुरा आवास तक पर मंत्री से मिलते थे। अजय लल्लू ने कहा कि सपा सरकार में इस घोटाले की नींव पड़ी और भाजपा सरकार में ये घोटाला हुआ।