वाराणसी, एबीपी गंगा। वाराणसी से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव लड़ने की अटकलें खत्म हो गई हैं। कांग्रेस ने अजय राय को फिर से मैदान में उतारा है। अब उन तमाम कयासों को विराम लग गया। जिनमें कहा जा रहा था कि प्रियंका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर सकती हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में भी अजय राय कांग्रेस के उम्मीदवार थे। राय तीसरे स्थान पर रहे थे। कांग्रेस ने आज दो उम्मीदवारों की सूची जारी की। गोरखपुर सीट से मधुसुदन मिस्त्री को टिकट दिया गया है। गौरतलब है कि भाजपा ने गोरखपुर से रविकिशन को मैदान में उतारा है।
इससे पहले प्रियंका के चुनाव लड़ने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बयान देकर सस्पेंस बरकरार रखा था। राहुल के मुताबिक, नेहरू, शास्त्री और इंदिरा तक परम्परा रही है कि बड़े विपक्षी नेताओं को जबरन हराने की कोशिश ना हो, कोशिश हो कि वो जीतकर संसद में आएं, इससे लोकतंत्र मजबूत और स्वस्थ रहेगा।
राहुल गांधी का मानना है कि राजीव गांधी के वक्त हेमवती नंदन बहुगुणा को अमिताभ बच्चन से हरवाकर गलत परम्परा डाली गई। उस वक्त और भी जगह ऐसा हुआ, लेकिन 1989 और 1991 में राजीव ने भी बदलाव करते हुए परम्परा कायम रखी। राहुल ने जवाहर लाल नेहरू के लोहिया और अटल प्रेम का हवाला दिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के रुख के बाद प्रियंका के वाराणसी से चुनाव लड़ने की संभावना कम हो गई है। हालांकि, खुद प्रियंका अभी भी मोदी को चुनौती देने को बेकरार हैं। वो रिसर्च, सर्वे, सियासी समीकरण सब जोड़ घटा रही हैं।
हालांकि आखिरी वक्त में पार्टी आलाकमान ने ये फैसला लिया है। अब ये साफ हो गया है कि प्रियंका गांधी कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगी। साथ ही पार्टी के संगठन काम देखेंगी।