लखनऊ: गिरधारी उर्फ डॉक्टर और मऊ के हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह के बीच 36 नहीं 24 का आंकड़ा था. आपको बात अजीब लग सकती है लेकिन ये बिल्कुल सही है. हम आपको अजीत और गिरधारी के बीच के इस 24 के आंकड़े का राज बताते हैं.


इस तरह बढ़ी दोनों के बीच तल्खी


ये बात करीब सात साल पुरानी है. गिरधारी ने ध्रुव सिंह उर्फ कुण्टू सिंह और अखण्ड प्रताप सिंह के कहने पर अजीत को आजमगढ़ के जीयनपुर से उस समय के विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सीपू सिंह की हत्या की सुपारी दी थी. हालांकि, अजीत ने विधायक की हत्या से इनकार कर दिया. इससे अजीत और गिरधारी के बीच तनातनी शुरू हो गई. कभी एक साथ हत्या और लूट करने वाले अजीत और गिरधारी के बीच दूरियां इस कदर बढ़ीं कि एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए. तब तक गिरधारी पूर्वांचल के एक बाहुबली के जरिये वहां के बड़े नेटवर्क से जुड़ चुका था, तो अजीत ने माफिया मुख्तार अंसारी का दामन थाम लिया था. दोनों के बीच व्यक्तिगत झगड़ा अब वर्चस्व और रसूख के स्तर तक पहुंच चुका था.


शराब के ठेके लेने पर छिड़ी वर्चस्व की लड़ाई


पुलिस अधिकारी बताते हैं कि, गिरधारी के पास आजमगढ़, मऊ और जौनपुर में शराब के कुछ ठेके थे. अजीत ने इसमें दखलंदाजी करके 5 ठेके हथिया लिए. इन ठेकों के चक्कर मे गिरधारी को 24 लाख रुपये का नुकसान हुआ था. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिरधारी ने अजीत को पेट पर लात मारने का बदला लेने की धमकी दी थी. उसने कहा था कि अजीत को हर लाख के नुकसान पर एक गोली मारेगा. अजीत की वजह से उसे 24 लाख का नुकसान हुआ था और छह जनवरी की रात करीब 8 बजे उसने विभूतिखण्ड के कठौता चौराहा पर अजीत को गिनकर 24 गोलियां मारकर अपना बदला पूरा किया.


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