भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज सोमवार 9 (अक्टूबर) को सुनवाई हुई. स्टिस अंजनी कुमार मिश्रा और जस्टिस विवेक कुमार सिंह की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई और इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई और यूपी सरकार से जवाब मांगा. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सीबीआई और यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया. वहीं आकांक्षा दुबे के परिवार वालों को सीबीआई और यूपी सरकार के जवाब पर अपना हलफनामा दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का अलग वक्त दिया है. हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई अब 5 हफ्ते बाद होगी. 


अभिनेत्री आकांक्षा की मां मधु दुबे की ओर से याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका में हत्या के पहले रेप की आशंका जताई गई है. इस याचिका में कहा गया है, आकांक्षा की मौत जिन परिस्थितियों में हुई वह निश्चित तौर पर संदेहास्पद है. आकांक्षा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और एफ एस एल वाराणसी की रिपोर्ट भी इस ओर इशारा कर रही है. याचिका में पुलिस की कार्यशैली को अविश्वसनीय बताया गया है. इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि कुछ महत्वपूर्ण सबूतों को दबाने और आरोपियों को बचाने की भी कोशिश हो रही है.


इस याचिका के जरिए अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की मौत की सीबीआई जांच की मांग की गई है. आकांक्षा दुबे की संदिग्ध मौत के बाद उनकी मां मधु दुबे की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जिसमें भोजपुरी गायक समर सिंह और संजय सिंह के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई थी, पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने सहित अन्य धाराओं में चार्जशीट दाखिल की है. बता दें कि आकांक्षा दुबे संदिग्ध परिस्थितियों में वाराणसी के एक होटल में मृत पाई  गई थी. वाराणसी के सारनाथ इलाके के सौमेंद्र होटल में 26 मार्च को आकांक्षा दुबे का शव संदिग्ध हालत में मिला था. अधिवक्ता सौरभ तिवारी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे के परिवार वालों की तरफ से कोर्ट में पक्ष रख रहे हैं.


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