लोकसभा चुनाव 2024 के बीच बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने आकाश आनंद पर जो फैसला किया उसने सभी को चौंका दिया. यूं तो मायावती के बयान से भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता असहज हो जाते थे लेकिन बीते कुछ सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब उनकी अपनी पार्टी ही डिफेंसिव मोड में नजर आ रही है. पार्टी के नेता दबी जुबान से कह रहे हैं कि बहन जी ने किया है तो सोच समझ कर किया होगा.
इन सबके बीच बसपा के पूर्व नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर पूरी तरह सन्नाटा है. जिस दिन यूपी की 10 सीटों पर तीसरे चरण के तहत मतदान संपन्न हुआ उसी रात मायावती ने आकाश आनंद से सारे अधिकार छीन लिए.
आकाश आनंद के सोशल मीडिया अकाउंट की बात करें तो एक्स पर उनकी आखिरी पोस्ट 7 मई की है जिसमें उन्होंने बसपा चीफ के उस पोस्ट को रिपोस्ट किया है जिसमें उन्होंने मतदान की अपील की थी. उधर, नेशनल कोआर्डिनेटर पद से हटाए जाने के बाद अभी तक आकाश आनंद के प्रोफाइल पर कोइ बदलाव नहीं हुआ है. समाचार लिखे जाने तक अभी भी उनके बायो में नेशनल कोआर्डिनेटर लिखा हुआ है.
मायावती ने क्या कहा था?
बसपा चीफ ने 7 मई की रात 9.38 पर पोस्ट किया- विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए मान्य. श्री कांशीराम जी व मैंने खुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है.
मायावती ने लिखा- इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही, श्री आकाश आनन्द को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता (maturity) आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है.
जबकि इनके पिता श्री आनन्द कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगेे. अतः बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवाँ को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है