प्रयागराजः कंगना-ठाकरे को लेकर अयोध्या विवाद पर बोले महंत नरेंद्र गिरी, बोले- दोनों ओर से हुई गलत बयानबाजी
अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरी ने कंगना और उद्धव ठाकरे को लेकर बंटे अयोध्या के संतों को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि दोनों ओर से गलत बयानबाजी हुई है.
प्रयागराज, एबीपी गंगा। कंगना रनौत और उद्धव ठाकरे सरकार के बीच का विवाद तो थम नहीं रहा है. वहीं, इन दोनों को लेकर अयोध्या में भी विवाद छिड़ा हुआ है. अयोध्या में संतों के एक धड़े ने जहां कंगना को समर्थन किया. वहीं, उद्धव ठाकरे को अयोध्या आने से भी रोकने का ऐलान किया. इसके बाद राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्र चंपत राय ने ठाकरे का समर्थन कर दिया.
अब इस विवाद में साधू संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने भी बयान दिया है. चंपत राय के बयान को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि चंपत राय का बयान अहंकारी है. महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि इस बयान से प्रतीत होता है कि चंपत राय को अहंकार हो गया है. इस तरह का बयान चंपत राय को नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि चंपत राय विश्व हिंदू परिषद के पुराने नेता हैं और उनका एक कद भी है. अगर किसी संत ने कोई बयान दिया था तो उसके विरोधाभास में उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था. महंत नरेंद्र गिरि ने कहा अहंकार भगवान का भोग होता है. अहंकारी व्यक्ति बहुत दिन तक नहीं चल पाता.
दोनों ओर से हुई गलत बयानबाजी महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है चंपत राय ने हमेशा संत महात्माओं का सम्मान किया है. आगे भी संत महात्माओं का सम्मान करते रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे भी संत महात्माओं से अपील करेंगे कि वह ऐसे बयान न दें. नरेंद्र गिरी ने ये भी कहा कि हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने भी आवेश में गलत बयान दिया था.
पालघर की घटना से नाराज हैं संत महंत नरेंद्र गिरी ने कहा साधु समाज महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से पालघर की घटना के बाद से नाराज हैं. गौरतलब है कि पालघर में जूना अखाड़ा के दो साधुओं और ड्राइवर की नृशंस हत्या हुई थी. आरोप है कि इस हत्याकांड पर महाराष्ट्र सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. नरेंद्र गिरी ने कहा कि इसी घटना से आहत महंत राजू दास ने बयान दिया है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि किसी भी व्यक्ति का मंदिर में दर्शन करने जाने का पूरा अधिकार है. किसी व्यक्ति को किसी सनातन धर्मी को मंदिर जाने से रोकने का अधिकार नहीं है.
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