हरिद्वार: कुंभ मेले को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की आज नया उदासीन अखाड़े में अहम बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी और महामंत्री हरी गिरी द्वारा की गई. इस बैठक में सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सभी अखाड़ों के साधु संतों ने निर्णय लिया कि, 2010 की तर्ज पर ही इस बार का महाकुंभ किया जाएगा. अखाड़ा परिषद द्वारा बैठक में कुंभ कार्यों को लेकर नाराजगी जाहिर की गई है और इसको लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा मेला अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया. अखाड़ा परिषद द्वारा मुख्यमंत्री और मेला अधिकारी को प्रयागराज माघ मेले का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया है और उसी की तर्ज पर हरिद्वार कुंभ मेले को करने की मांग की गई है. वहीं अखाड़ा परिषद ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार कोई व्यवस्था नहीं करती है तो अखाड़े अपनी तरफ से ही व्यवस्था करनी शुरू कर देंगे.


व्यवस्थाओं से साधु-संत नाराज


सभी अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर, सभी रामानंदाचर्य शंकराचार्य और संत महात्मा कुंभ मेले में हरिद्वार आएंगे. सरकार का कार्य है व्यवस्था को करना लेकिन अभी तक कोई भी कार्य शुरू नहीं हुआ है. व्यवस्थाओं से अखाड़ा परिषद संतुष्ट नहीं है. परिषद ने मेला अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन दिया है. प्रयागराज माघ मेले की तर्ज पर ही हरिद्वार का कुंभ मेला भी कराया जाए. इसके अलावा परिषद की तरफ से एक तारीख को मुख्यमंत्री और मेला अधिकारी को प्रयागराज में माघ मेले के निरीक्षण के लिए आमंत्रण दिया है, जिससे कि वह देख सके, वहां किस किस तरह से कार्य हो रहा है.


पीएम से करेंगे मुलाकात


परिषद का कहना है ति उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री परंपराओं का पालन कर रहे हैं, उसी की तर्ज पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी परंपराओं का पालन करें. इस बैठक में हमने निर्णय लिया है कि कुंभ मेला दिव्य और भव्य होगा और सभी व्यवस्थाओं के साथ कुंभ में अखाड़ों को एक जनवरी को जमीन देने के लिए नोटिफिकेशन जारी करने की परंपरा है. अगर सरकार द्वारा नहीं किया जाता है तो अखाड़ा परिषद प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री व गृह मंत्री से मुलाकात करेगा और उन से निवेदन करेंगे हमारी परंपरा को निर्वहन करने का कार्य किया जाए.


सरकार सक्षम नहीं तो अपनी व्यवस्था खुद करेंगे


वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरी गिरी का कहना है कि प्राचीन काल से ही अखाड़े कुंभ मेले में अपनी तरफ से व्यवस्था करते थे. सरकार द्वारा अगर कुंभ मेले में अखाड़ों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जाती है तो अखाड़े अपनी तरफ से ही बिजली पानी और टेंट की व्यवस्था करेंगे और यह सारी व्यवस्था करने के बाद हरिद्वार में लगने वाले कांवड़ मेले के लिए यह सब कुछ छोड़कर चले जाएंगे.


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