Uttarakhand News Today: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने एक अहम फैसला लेते हुए आगामी प्रयाग कुंभ में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की घोषणा की है. परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि सनातन संस्कृति को संरक्षित और सुरक्षित रखना आवश्यक है.
श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने दावा किया कि कुछ असामाजिक तत्व अलग-अलग माध्यमों से सनातन धर्म और उसकी संस्कृति को अपमानित करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने हाल के दिनों में सामने आए वीडियो और घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग जानबूझकर धार्मिक स्थलों पर अनुचित कृत्यों के माध्यम से समाज में विभाजन और असहमति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
'सनातन को भ्रष्ट करने की साजिश'
श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि हाल ही में सामने आए वीडियो और फोटो में गैर-हिंदुओं के जरिये अलग-अलग स्थलों पर थूकना और मूत्र त्यागना जैसी हरकतें देखी गई हैं, जो हमारी संस्कृति के खिलाफ हैं.
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कृत्यों से सनातन धर्म को भ्रष्ट करने की साजिश रची जा रही है और अगर कुंभ जैसे धार्मिक महोत्सव में भी ऐसा किया गया, तो सनातन धर्म के अनुयायी इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.
'कुंभ में हो श्रद्धालुओं के लिए उचित प्रबंध'
श्रीमहंत ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि "कुंभ मेले से पहले प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि वहां पर भोजन और पेय पदार्थ बेचने की अनुमति किसे दी जाएगी? यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कुंभ में लाखों श्रद्धालु देशभर से आते हैं और उनके लिए उचित प्रबंध होना चाहिए जिससे किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके."
उन्होंने कहा कि "अगर कुंभ में भी इस तरह का कोई अनुचित कृत्य सामने आता है, तो परिषद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नागा संन्यासी दोषियों को दंडित करेंगे. नागा संन्यासियों को इस तरह के मामलों में न्याय करने का पूरा अधिकार होता है और वे इस पर कोई समझौता नहीं करेंगे."
निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने आगे कहा, "हाल ही में कई घटनाएं मसूरी और अन्य स्थानों से सामने आई हैं, जिनमें गैर-हिंदू समुदाय के लोग जिहाद के नाम पर ऐसी हरकतें कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "ये घटनाएं धार्मिक सौहार्द को कमजोर करने की कोशिश हैं और समुदाय विशेष के विद्वानों की चुप्पी इस पर चिंताजनक है."
'नागा सन्यासी दोषियों को देंगे सजा'
श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा, "सनातन धर्म हमेशा से सभी धर्मों और संस्कृतियों का सम्मान करता आया है. हमारे मंदिरों में सुबह-शाम 'ईश्वर अल्लाह तेरो नाम' जैसे भजन गाए जाते हैं, जो धार्मिक सौहार्द और सामंजस्य का प्रतीक हैं. लेकिन इसके विपरीत, किसी भी मस्जिद से ऐसा कोई संदेश नहीं सुनाई देता, जो समाज में मेल-जोल और शांति को बढ़ावा दे." उन्होंने कहा, "अगर इस प्रकार की हरकतें आगे भी जारी रहीं, तो नागा संन्यासी दोषियों को दंड देने से पीछे नहीं हटेंगे."
श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने अंत में स्पष्ट किया कि यह निर्णय सनातन धर्म की रक्षा और उसकी पवित्रता को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है और इसे गंभीरता से लागू किया जाएगा. कुंभ मेला एक धार्मिक पर्व है, जिसे शांति और सम्मान के साथ मनाना सभी की जिम्मेदारी है.
ये भी पढ़ें: लखीमपुर थप्पड़ कांड की दिल्ली तक गूंज, भूपेंद्र चौधरी ने हाईकमान को दी ये जानकारी, अब होगा एक्शन!