हिंदुओं को बचाने बांग्लादेश जाएंगे नागा साधू? अखाड़ा परिषद ने कर दिया बड़ा ऐलान
Uttar Pradesh News: बांग्लादेश में हिंदूओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने सरकार से इस मामले में कड़ा रुख अपनाने को कहा है.
Uttar Pradesh News: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार व उत्पीड़न के खिलाफ जहां देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अब इसे लेकर सख्त रुख अपनाया है. अखाड़ा परिषद ने केंद्र सरकार से इस मामले में कड़े कदम उठाए जाने की मांग की है और साथ ही यह अल्टीमेटम भी दिया है कि अगर जल्द ही वहां के हालात नहीं सुधरते हैं और संत चिन्मय दास को रिहा नहीं किया जाता है तो महाकुंभ में आने वाले संत महात्मा नागा साधुओं की फौज के साथ बांग्लादेश कूच करने को मजबूर होंगे.
बांग्लादेश कूच को लेकर अखाड़ा परिषद हफ्ते भर में प्रयागराज महाकुंभ में बड़ी बैठक करने जा रहा है. इस बैठक में केंद्र सरकार को कुछ दिनों की मोहलत दी जाएगी और उसके बाद उससे बांग्लादेश जाने की इजाजत मांगी जाएगी. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी के मुताबिक नागा साधुओं ने हमेशा ही सनातन धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष किया है. उनका इतिहास शस्त्र और शास्त्र दोनों में पारंगत होने का रहा है.
बांग्लादेश मामले में सरकार कड़े कदम उठाए
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि हम बांग्लादेश के हालात पर कतई चुप नहीं रह सकते. बांग्लादेश की तस्वीर हमें विचलित करती है. वहां संत महात्माओं और आम सनातन धर्मियों को निशाना बनाया जा रहा है. दूसरे मामलों में मानवाधिकारों की दुहाई देने वाले लोग इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं. उनका कहना है कि अखाड़ा परिषद बांग्लादेश के हालात पर आगे की रणनीति तय करने के लिए सोमवार को प्रयागराज में बैठक करने की तैयारी में है. इस बैठक में अखाड़ों के पदाधिकारियो के साथ ही कई महामंडलेश्वर व दूसरे संत महात्मा भी शामिल होंगे. इस बैठक के जरिए केंद्रीय गृह मंत्री से बांग्लादेश मामले में दखल देते हुए कड़े कदम उठाए जाने की मांग की जाएगी और साथ ही कुछ दिनों का अल्टीमेटम देकर उसके बाद नागाओं की फौज के साथ बांग्लादेश कूच करने की इजाजत मांगी जाएगी.
बांग्लादेश के हालात को लेकर हम कतई चुप नहीं बैठेंगे- महंत रवींद्र पुरी
महंत रवींद्र पुरी के साथ ही आवाहन अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अरुण गिरी जी महाराज, निरंजनी अखाड़े की पीठाधीश्वर अमृतानंदमयी मां ने भी बांग्लादेश के हालात को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि देश की आजादी के बाद अखाड़े से जुड़े नागा साधुओं और दूसरे संतो के पास सिर्फ धर्म के प्रचार प्रसार का ही काम रह गया अपने शस्त्रों को उन्होंने किनारे रख दिया है, लेकिन आज भी हम शस्त्र चलाने में पहले जैसे ही पारंगत है. बांग्लादेश के हालात को लेकर हम कतई चुप नहीं बैठेंगे और जरूरत पड़ने पर वहां जाकर हिंदुओं के हितों की रक्षा करने और उन्हें सुरक्षित भारत लाने का काम भी करेंगे.
यह भी पढ़ें- लोकसभा में बिछड़ी अखिलेश यादव और अवधेश प्रसाद की जोड़ी, राहुल गांधी भी हुए सपा मुखिया से दूर