Aligarh News Today: संभल हिंसा के खिलाफ करणी सेना ने सोमवार (25 नवंबर) को अलीगढ़ जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया. करणी सेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने संभल हिंसा में पुलिस समर्थन किया और अलीगढ़ जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.


बता दें, रविवार को संभल की शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान बवाल हो गया. इस दौरान भीड़ ने जमकर तोड़फोड़ और कई गाड़ियों में आग लगा दी. इस घटना में कई अधिकारी और पुलिस वाले घायल हो गए, जबकि कई लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में अब तक लगभग ढाई हजार से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और कई लोगों को हिरासत में लिया है.   


इसी हिंसा के खिलाफ आज अलीगढ़ में करणी सेना ने प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च किया. जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचकर करणी सेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए डीएम को ज्ञापन सौंपा. करणी सेना ने हिंसा में शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. 
 
करणी सेना ने की ये मांगा
अखिल भारतीय करणी सेना का कहना है जिस तरीके से संभल में मस्जिद का सर्वे करने आई टीम पर पत्थर बाजी की गई. इसमें हमारे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. करणी सेना ने ऐसे लोगों को चिन्हित कर कर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की, जिससे ऐसे लोग आगे पत्थरबाजी न कर सकें.


अखिल भारतीय करणी सेना के पदाधिकारियों ने कहा, "इसी को लेकर हमने मुख्यमंत्री से मांग की है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और ऐसे लोगों के घरों पर बुलडोजर चलना चाहिए." उन्होंने आगे बताया कि इस संबंध में करणी सेना के जरिये एडीएम सिटी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया है.


अखिल भारतीय करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने कहा, "संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुए उपद्रव की घटना में शामिल सभी आरोपियों पर कठोर कार्यवाही की जाए." इस दौरान सभी करणी सेना के नेताओं ने संभल हिंसा के आरोपियों को फांसी देने की मांग की. 


'संभल में हिंसा थी पूर्व नियोजित'
अखिल भारतीय करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने दावा किया कि संभल में जो उपद्रव हुआ है, वो पूर्व नियोजित षडयंत्र के तहत हुआ है. उन्होंने कहा, "मंगलवार से मस्जिद का सर्वे हो रहा था, उस समय भी संप्रदाय विशेष के लोगों ने सर्वे का विरोध किया, लेकिन पुलिस प्रशासन की सख्ती के कारण वह किसी घटना को अंजाम नहीं दे पाए."


ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने समुदाय विशेष पर आरोप लगाते हुए कहा, "इन लोगों ने सुनियोजित षडयंत्र रचकर घटना को अंजाम दिया. ऐसे में हमारी उत्तर प्रदेश सरकार से मांग है कि इस घटना की खुफिया एजेंसियों से गहनता से जांच कराई जाए. घटना के शामिल सभी आरोपियों और उनको संरक्षण देने वालों के खिलाफ रासुका और देशद्रोह के तहत कार्रवाई कर उन्हें फांसी की सजा दी जाए.


अखिल भारतीय करणी सेना की चेतावनी
ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में कई ऐसी मस्जिदें हैं जहां पूर्व में मंदिर हुआ करते थे, लेकिन मुगलकाल में मंदिरों को तोड़कर और उन पर अवैध कब्जा कर मस्जिद बना दी गई. उन्होंने कहा कि इसलिए सरकार को ऐसी मस्जिदों को चिन्हित कर वहां दोबारा मंदिर स्थापित करने का कार्य किया जाना चाहिए.


ज्ञानेंद्र सिंह चौहान सरकार को चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो अखिल भारतीय करणी सेना के हजारों सैनिक प्रदेश में जहां-जहां ऐसी मस्जिद हैं, उनको स्वयं चिन्हित करेंगे और मंदिर बनाने का कार्य करेंगे. 


'ओरोपियों को दी जाए फांसी'
अखिल भारतीय करणी सेना की महिला प्रदेश अध्यक्ष ममता सिंह ने बताया कि उपद्रवियों के हमले में बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी घायल हुए हैं. उन्होंने कहा, "जिस तरह का कृत्य शांति दूतों ने किया है, इस तरह के घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसलिए आरोपियों को तुरंत फांसी दे देनी चाहिए."


जिलाध्यक्ष राजेश वशिष्ठ ने बताया कि संप्रदाय विशेष के लोगों ने पूर्व में भी हमारी यात्राओं और कावड़ियों पर अलग-अलग तरह से हमले किए जा चुके हैं. ऐसे आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और उनको तुरंत फांसी की सजा दी जानी चाहिए.


एडीएम सिटी ने क्या कहा?
अपनी मांगों को लेकर अखिल भारतीय करणी सेना ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित करते हुए ज्ञापन सौंपा. पूरे मामले में एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट ने करणी सेना के जरिये दिए गए ज्ञापन को उचित माध्यम से आगे भेजने का आश्वासन दिया है. 


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