UP Nikay Chunav 2023: अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के गठबंधन में रार? सपा के इस कदम ने बढ़ाई RLD की मुश्किलें
UP Nikay Chunav 2023 Date: मवाना नगर पालिका परिषद में सपा ने आरएलडी के सामने अपना प्रत्याशी उतार दिया है. जिसके बाद अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बीच दूरी और भी ज्यादा बढ़ गई है.
UP Nagar Nikay Chunav 2023: मेरठ की मवना नगर पालिका परिषद में सपा और आरएलडी में मूछों की लड़ाई शुरू हो गई है. ये लड़ाई अब सपा और आरएलडी के बीच बड़े सियासी महासंग्राम की शुरुआत करवा सकती है. सपा ने पहले प्रत्याशी का सिंबल वापस लिया लेकिन डैमेज कंट्रोल का ड्रामा कुछ देर बाद ही खत्म हो गया और सपा ने आरएलडी को सीधी चुनौती देकर दूसरे प्रत्याशी को टिकट देकर मैदान में उतार दिया. इससे पश्चिम में जयंत और अखिलेश फिर आमने सामने आ गए हैं और ये रार बीजेपी के लिए फायदे का सौदा है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा-आरएलडी के बीच खाई गहरी करने वाली मवाना नगर पालिका परिषद से अब बड़े सियासी युद्ध का एलान हो गया है. जयंत चौधरी और अखिलेश यादव ना चाहते हुए भी आमने सामने आ गए हैं. आरएलडी की नाराजगी के बाद सपा ने अपने जिस प्रत्याशी दीपक गिरी का साइकिल का सिंबल वापस लेकर आरएलडी प्रत्याशी अय्यूब कालिया के समर्थन देने की बात कही थी उसके कुछ समय बाद ही सपा ने दूसरे प्रत्याशी अमीर आजम को मैदान में उतार दिया.
सपा का ये कदम सीधे-सीधे तौर पर आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी को चुनौती मानी जा रही हैं, क्योंकि यहां आरएलडी प्रत्याशी अय्यूब कालिया से सपा प्रत्याशी अमीर आजम दो दो हाथ करने को तैयार है. जिसके बाद अब आरएलडी का पारा सातवें आसमान पर है और इसके जवाब में आरएलडी ने मेरठ महापौर सीट पर सपा प्रत्याशी सीमा प्रधान के सामने अब बड़ी और नई रणनीति पर काम करने का एलान कर दिया है.
अब इसे डैमेज कंट्रोल ड्रामा क्यों कहा जा रहा है इसकी भी वजह बता देते हैं. दरअसल, आरएलडी की नाराजगी और गठबंधन में बढ़ती रार के बाद सपा पहले बैकफुट पर आई और सुबह सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह और आरएलडी जिलाध्यक्ष मतलूब गौड़ मवाना तहसील पहुंचे और यहां से सपा जिलाध्यक्ष ने सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल का पत्र जमा कर सपा प्रत्याशी दीपक गिरी का सिंबल वापस ले लिया और ऐलान किया कि आरएलडी प्रत्याशी अय्यूब कालिया को गठबंधन चुनाव लड़ाएगा.
आरएलडी प्रत्याशी अय्यूब कालिया ने मवाना नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था तो वो खुश थे कि वो चुनाव जीतेंगे, लेकिन सपा ने अपनी चाल बदल दी और एक बार फिर सपा से दूसरे प्रत्याशी को उतारने का एलान कर दिया. सपा के इस कदम के बाद जयंत और अखिलेश की पार्टी के कार्यकर्ताओं के मन में भी अब ऐसी खाई बन गई है जो भविष्य के लिए ठीक नहीं है.
मेरठ की मवाना नगरपालिका सीट पर हर पल बदल रही सपा की चाल जिस कहानी को बयां कर रही है वो 2024 के लिहाज से ठीक नहीं है. गठबंधन धर्म को दरकिनार कर समाजवादी पार्टी अब आरएलडी को जो चुनौती दे रही है इसका सामना अखिलेश और जयंत दोनों को ही करना पड़ेगा, जबकि फायदा बीजेपी को होगा, अब इस डैमेज कंट्रोल के ड्रामे के बाद ये भी साफ हो गया है कि सपा आरएलडी में घमासान थमा नहीं है बल्कि एक नए सियासी युद्ध की तरफ बढ़ चला है.
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