UP News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए कथित विवादित बयानों के लिए अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित किये जाने की कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. भारतीय जनता पार्टी (बीजपी) ने पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए कथित विवादित बयानों के लिए रविवार को अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया, जबकि दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया.
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को ट्वीट किया, ' देश में सभी धर्मों का सम्मान जरूरी. किसी भी धर्म के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल उचित नहीं. इस मामले में बीजेपी को भी अपने लोगों पर सख्ती से शिकंजा कसना चाहिए.' इसी ट्वीट में शर्मा और जिंदल का नाम लिए बिना मायावती ने कहा कि केवल उनको निलंबित करने और निकालने से काम नहीं चलेगा, बल्कि उनको सख्त कानूनों के तहत जेल भेजना चाहिए.
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कही ये बात
इससे पहले रविवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘‘बीजेपी नूपुर शर्मा पर सिर्फ निलंबन की दिखावटी कार्रवाई न करे बल्कि कानूनी कदम उठाए.' उन्होंने कहा कि विवादित बयान पर बीजेपी से निलंबन तो उनका भी हुआ था, जो आज उप्र की बीजेपी सरकार में मंत्री बने बैठे हैं.
दयाशंकर सिंह ने मायावती के खिलाफ की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने मऊ में एक पत्रकार वार्ता में बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद बीजेपी ने दयाशंकर सिंह को पार्टी से छह साल के लिए निलंबित कर दिया था. लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद सिंह का निलंबन रद्द कर दिया था. 2022 में दयाशंकर सिंह को पार्टी ने बलिया से विधानसभा का टिकट दिया और उनके जीतने के बाद उन्हें योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार में परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बना दिया गया. सपा प्रमुख यादव ने अपने ट्वीट में सिंह का नाम लिए बिना उनकी ओर ही इशारा किया है.
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