बुलंदशहर हत्याकांड में अखिलेश-प्रियंका का योगी सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग...कहा-न हो राजनीतिकरण
बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या के मामले पर सियासी बवाल बढ़ता जा रहा है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि मामले का राजनीतिकरण न हो
बुलंदशहर, एबीपी गंगा। बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या के मामले में विपक्ष ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को घेरा है। सपा और कांग्रेस ने इस हत्याकांड की गहराई से जांच की मांग की है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाये और सच्चाई सामने लाई जाये। साथ ही उन्होंने कहा कि मामले का राजनीतिकरण न हो। कांग्रेस नेता ने ट्वीट करके अपनी नाराजगी जाहिर की।
अप्रैल के पहले 15 दिनों में ही उप्र में सौ लोगों की हत्या हो गई। तीन दिन पहले एटा में पचौरी परिवार के 5 लोगों के शव संदिग्ध परिस्थितियों में पाए गए। कोई नहीं जानता उनके साथ क्या हुआ।
आज बुलंदशहर में एक मंदिर में सो रहे दो साधुओं को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया।.. 1/2 — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 28, 2020
..ऐसे जघन्य अपराधों की गहराई से जाँच होनी चाहिए और इस समय किसी को भी इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।
निष्पक्ष जाँच करके पूरा सच प्रदेश के समक्ष लाना चाहिए। यह सरकार की ज़िम्मेदारी है। 2/2 — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 28, 2020
उन्होंने ट्वीट किया कि अप्रैल के पहले 15 दिन में यूपी में 100 लोगों की हत्या हुई है। इससे पहले एटा में एक ही परिवार के पांच लोग संदिग्ध रूप से मृत अवस्था में मिले थे। क्या हुआ था उनके साथ..अबतक पता नहीं।
गौरतलब है कि बुलंदशहर में दो साधुओं की धारदार हथियार से हत्या कर दी गयी थी। जिले के एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि अनूपशहर थाना क्षेत्र स्थित फगौना गांव में एक शिव मंदिर में जगदीश (50) और शेर सिंह (52) नामक साधुओं की हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस घटना के आरोपी मुरारी को गिरफ्तार किया है।
यही नहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी राज्य सरकार से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने भी प्रियंका गांधी की बात दोहरायी और कहा कि मामले का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिये।
उप्र के बुलंदशहर में मंदिर परिसर में दो साधुओं की नृशंस हत्या अति निंदनीय व दुखद है.
इस प्रकार की हत्याओं का राजनीतिकरण न करके, इनके पीछे की हिंसक मनोवृत्ति के मूल कारण या आपराधिक कारण की गहरी तलाश करने की आवश्यकता होती है. इसी आधार पर समय रहते न्यायोचित कार्रवाई करनी चाहिए. — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 28, 2020