UP News: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह भाजपा सरकार के शासन और नीतियों की नाकामी है.


यादव ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक संदेश में कहा, 'प्रिय देश-प्रदेशवासियों, दिल्ली में प्रदूषण का कहर ‘वार्षिक’ विषय बन गया है. देश की केंद्र सरकार जहां बैठती है जब वहीं पर्यावरण को साफ़ और सेहतमंद रखने के लिए केंद्र सरकार कुछ नहीं कर पा रही है तो बाक़ी देश का क्या. इसे कहते हैं चिराग़ तले अंधेरा या कहिए धुंधलका.'


उन्होंने कहा, 'दुनियाभर में देश का डंका पीटने का दावा करनेवाली भाजपा सरकार राजधानी में ही देश की तस्वीर को धुंध से धुंधला होने से बचा नहीं पा रही है. यहीं पर दुनिया भर के देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों के आफ़िस भी हैं, उनके बीच इससे क्या संदेश जाता होगा. ये भाजपा सरकार के शासन और नीतियों की नाकामी है.'


उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने इसी संदेश में दिल्ली और आगरा में धुंध की वीडियो साझा करते हुए कहा, 'अब तो इस कहर का असर यूपी तक आने लगा है. चाहे यमुना नदी का जल प्रदूषण हो या वायु प्रदूषण ये जनता के स्वास्थ्य को और ताजमहल को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है. उप्र की भाजपा सरकार को वैसे भी कुछ नहीं दिखाई देता है अब तो उन्हें धुंध का बहाना भी मिल जाएगा.'


उन्होंने कहा, 'ऐसे में जनता से आग्रह है कि अपने जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा स्वयं करें. इस धुंधलके में गाड़ी ध्यान से देखकर चलाएं और साँस की बीमारियों से ख़ुद भी बचें और घर-परिवार के बड़े बुजुर्गों और बच्चों के साथ ही बीमार लोगों का भी ख़ास ध्यान रखें.'


नाकाम भाजपा सरकार का जनता को पैगाम


यादव ने कहा, 'नाकाम भाजपा सरकार का जनता को पैगाम, न रहें हमारे भरोसे, रखें खुद ही खुद का ध्यान. आपका शुभचिंतक अखिलेश.' दो दिन के अंतराल के बाद रविवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' की श्रेणी पर पहुंच गई. राष्ट्रीय राजधानी के कुछ इलाकों में प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया.


केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों से पता चला कि अपराह्न चार बजे दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शनिवार के 255 के मुकाबले 355 दर्ज किया गया.


ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और नोएडा में वायु गुणवत्ता बहुत खराब


सीपीसीबी ने शहर के 40 निगरानी स्टेशनों में से 37 से डेटा साझा किया. इसने दिखाया कि तीन स्टेशनों - बवाना, बुराड़ी और जहांगीरपुरी में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' वहीं ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और नोएडा जैसे पड़ोसी इलाकों में भी वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' और फरीदाबाद और गुरुग्राम में 'खराब' की श्रेणी में रही.


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