लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में पारस हॉस्पिटल में ऑक्सीजन मॉकड्रिल के दौरान मरीजों की मौत का मामला सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मॉकड्रिल के दौरान पांच मिनट में ही 22 मरीजों की मौत हो गई. इसको लेकर अस्पताल का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. मामले में जिलाधिकारी ने मंगलवार को पारस अस्पताल को सील करने और अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.


अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर साधा निशाना 
मामले को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि आगरा के एक अस्पताल में ऑक्सीजन मॉकड्रिल में 22 लोगों की मौत की ख़बर बेहद दुःखद है. दिवंगतों को श्रद्धांजलि! ये घटना उत्तर प्रदेश की ‘चिकित्सा व्यवस्था’ पर एक बड़ा धब्बा है. शासन-प्रशासन द्वारा इस मामले को दबाना घोर आपराधिक कृत्य है. उप्र की भाजपा सरकार अब अपने ख़िलाफ़ FIR करे.
  





मौके पर पहुंचे अधिकारी 

जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने हालांकि ऑक्सीजन की कमी से 22 लोगों की मौत की खबर को गलत बताया. वीडियो वायरल होने के बाद मंगलवार को जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज श्री पारस अस्पताल पहुंचे. जिलाधिकारी सिंह ने अस्पताल को सील करने के साथ ही संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. अस्पताल में 55 भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया है. जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि ऑक्सीजन की कमी से 22 लोगों की मौत की खबर निराधार है. कथित वीडियो 28 अप्रैल 2021 का बताया जा रहा है. 


कार्रवाई की जा रही है
जिलाधिकारी ने कहा कि पुराना रिकॉर्ड जांचने पर अस्पताल में 25 अप्रैल को 149 ऑक्सीजन सिलेंडर थे और 20 सिलेंडर रिजर्व थे. उन्होंने कहा कि इसी तरह 26 अप्रैल को 121 ऑक्सीजन सिलेंडर थे और रिजर्व सिलेंडर 15 थे. 27 अप्रैल को 117 ऑक्सीजन सिलेंडर थे और रिजर्व सिलेंडर 16 थे. सिंह ने कहा कि सिलेंडर वहां भर्ती मरीजों के लिहाज से पर्याप्त थे. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति की पांच मिनट की कथित मॉकड्रिल करना और ये कहना कि मोदी नगर स्थित प्लांट में ऑक्सीजन समाप्त हो गई है, इससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई. इस कार्य को महामारी अधिनियम का उल्लंघन मानते हुए विधिक कार्रवाई की जा रही है.


दर्ज हुआ मुकदमा
अधिकारियों ने बताया कि थाना न्यू आगरा में घटना की विवेचना को लेकर मुकदमा पंजीकृत कराया गया है. तत्काल प्रभाव से श्री पारस हॉस्पिटल को सील करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी, आगरा को यहां भर्ती 55 मरीजों को सही ढंग से विभिन्न अस्पतालों में उपचार के लिए शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं. 


ये भी पढ़ें: 


अखिलेश यादव के यू-टर्न पर सियासत शुरू, बीजेपी बोली- हमारी नीतियां पसंद आ रही हैं