Swami Prasad Maurya Promotion in SP: स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पिछले कई दिनों से रामचरितमानस (Ramcharitmanas Row) पर दिए गए विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. एक तरफ जहां बीजेपी (BJP) समेत तमाम हिन्दू संगठन उन पर लगातार हमला कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के भीतर अब उनका कद और भी ज्यादा बढ़ गया है. सपा की ओर से आज नई कार्यकारिणी की सूची जारी की गई, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया.


सपा की नई कार्यकारिणी की लिस्ट में इस सूची में स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी के अंदर बड़ा प्रमोशन दिया गया है. उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा सूची में सपा के कद्दावर नेता आजम खान और चाचा शिवपाल यादव का भी नाम शामिल हैं. इन्हें भी स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. 


विवादों के बीच मौर्य को मिला प्रमोशन


दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले कई दिनों से रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान को लेकर विवादों में है. मौर्य ने रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को जिक्र करते हुए इसे बैन करने की मांग की थी और कहा कि इसमें पिछड़ों और दलितों का अपमान किया गया है जिससे लाखों लोगों की भावनाएं आहत होती हैं. इसलिए इसे बैन कर देना चाहिए. हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि वो कुछ चौपाईयों को ही हटाने की बात कह रहे हैं. तमाम विरोध के बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयान पर कायम हैं. 


मौर्य के बयान का चौतरफा विरोध


रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान को लेकर बीजेपी सपा पर चौतरफा हमला कर रही है वहीं साधु संतों ने भी इस पर आपत्ति दर्ज कराई. इस मामले में मौर्य के खिलाफ कई केस भी दर्ज कराए गए हैं. बीजेपी लगातार सवाल पूछ रही है कि क्या मौर्य का बयान उनका निजी बयान है या फिर सपा का उन्हें समर्थन है. हालांकि चाचा शिवपाल ने इसे उनका निजी बयान बताते हुए पल्ला झाड़ लिया था लेकिन अब पार्टी के अंदर उन्हें दिए गए इस प्रमोशन से साफ हो गया है कि अखिलेश यादव की इस मामले पर उनके साथ मौन स्वीकृति है.  


इससे पहले भी शनिवार को लखनऊ में पार्टी दफ्तर में अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य से मुलाकात की थी, पत्रकारों ने जब मौर्य से पूछा कि क्या उनकी अखिलेश यादव से रामचरितमानस विवाद पर चर्चा हुआ तो मौर्य ने कहा कि 'सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से सदन में इसका जवाब देंगे. उन्होंने आरोप लगाया, 'बीजेपी की सरकार दलितों, पिछड़ों और वंचितों का आरक्षण खत्म करती जा रही है. ऐसे में सपा जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर नई रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी.'


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