UP Politics: उत्तर प्रदेश की सियायसत में चार जून 2024 के बाद कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं. अब समाजवादी पार्टी ने ऐसा ब्राह्मण कार्ड चला है जो भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है.
सिद्धार्थनगर स्थित इटवा से विधायक माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाने के बाद अब पंडित हरिशंकर तिवारी से जुड़े एक मुद्दे पर अखिलेश यादव ने आवाज उठाई है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्व. हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बन रहे चबूतरे को गिरा दिए जाने का मुद्दा उठाया.
गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी के हाते और गोरखनाथ मठ की राजनीति के बीच का विवाद बहुत पुराना है. यह पूर्वांचल की ब्राह्मण बनाम ठाकुर राजनीति का एक बड़ा घटनाक्रम रहा है.
अखिलेश यादव ने हरिशंकर तिवारी के बहाने एक बार फिर से ब्राह्मण राजनीति को हवा दी है. समाजवादी पार्टी लगातार ब्राह्मणों को मैसेज दे रही है। यह सपा की अब तक की राजनीति के एकदम उलट है.
M+Y के बाद Non Yadav OBC, दलित और अब ब्राह्मण. सपा की यह सोशल इंजीनियरिंग काफी दिलचस्प होती जा रही है.
भीष्मशंकर तिवारी ने क्या कहा?
हरिशंकर तिवारी के बेटे, सपा नेता और पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी ने फेसबुक पर भी पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा है- अब आप इसे क्या कहेंगे जिस व्यक्ति को मृत्योपरांत गार्ड ऑफ ऑनर देकर इसी सरकार में सम्मानित किया गया हो.जो व्यक्ति कल्याण सिंह की सरकार में भी उनका सहयोगी मंत्री रहा हो. जिस व्यक्ति को भारत रत्न माननीय अटल बिहारी वाजपेई के सानिध्य में भी सम्मान मिलता रहा हो. मुलायम सिंह यादव,बहन मायावती की सरकारों ने भी जिन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर लगातार सम्मानित किया हो और जो ब्राह्मण अस्मिता के पर्याय रहे हों. उनके निधन के बाद वर्तमान के निरंकुश शासनाधीश द्वारा लगातार उन्हे अपमानित किया जा रहा हो तो हमें क्या करना चाहिए?