UP News: समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव समेत तीन लोगों ने विशेष न्यायालय एमपी एमएलए/ सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में सरेंडर किया. सपा नेता 2022 विधानसभा चुनाव में बदायूं के एक मैरिज लॉन में आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्तीओ को जुटाकर उनको प्रलोभन देने के मामले में नामजद हैं. तीनों नेताओं के न्याय हिरासत में लिए जाने के बाद कोर्ट में देर शाम उन्हें 20-20 हजार रुपए के निजी मुचलके और दो-दो जमानती दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दे दिया.
इस मामले में वकील और पूर्व एडीजीसी जगत सिंह यादव के मुताबिक समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, सपा नेता फखरे अहमद और विनोद राठौड़ को कल कोर्ट में सरेंडर कराया गया. विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश सिविल जज इंजीनियर सीनियर डिवीजन लीलू ने तीनों को 20-20 हजार रुपए के हैसियत के जमानती दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया है. कल देर शाम इन तीनों को रिहा कर दिया गया है.
क्या है मामला?
पिछले साल उत्तर प्रदेश में चल रहे थे तब विधानसभा चुनाव के दरमियान 3 फरवरी 2022 को एसडीएम सदर सुखलाल प्रसाद वर्मा को जानकारी मिली थी. जिसमें बताया गया कि विधानसभा 115 से समाजवादी पार्टी प्रत्याशी रईस अहमद, पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव और फुकरे यादव द्वारा गांव पडौआ के करीब बुधवाई रोड स्थित पूनम बारात घर में बगैर किसी निर्वाचन अधिकारी की अनुमति के सभा का आयोजन किया जा रहा है. इसके बाद वहां मौजूद अधिकारियों ने जब मौके पर पहुंचकर वहां छापा मारा और पाया कि बिना अनुमति के यहां कार्यक्रम किया जा रहा था.
इस दौरान वहां पर आसपास की तमाम आंगनबाड़ी और आशा बहुएं मौजूद थीं. साथ ही कुछ शिक्षामित्र अनुदेशक भी बुलाए गए थे जो की राज्य सरकार के कर्मी थे. इस दौरान प्रशासन की तरफ से एफआईआर दर्ज हुई. ये एफआईआर कॉविड-19 प्रोटोकॉल के अधिनियम 1951 का पालन न करने और बिना अनुमति के कार्यक्रम करने को लेकर के अलग-अलग धाराओं में बदायूं के सिविल लाइंस कोतवाली में हुई.
इस एफआईआर में सपा के प्रत्याशी और पूर्व सांसद सहित कल 37 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसकी चार्ज सीट सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने कोर्ट में दायर की थी, उसके बाद इन तीनों लोगों को कल कोर्ट में सरेंडर किया और बाद में निजी मुचलके पर इन्हें देर शाम छोड़ा गया.