UP Assembly Election 2022: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि हाल के उपचुनावों में बीजेपी की हार के कारण ईंधन की कीमतों में गिरावट आई है और उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनावों में उनकी हार से अन्य वस्तुओं की कीमतों में और गिरावट आएगी. रविवार शाम अंबेडकर नगर में एक रैली में बोलते हुए, अखिलेश ने ईंधन की बढ़ती कीमतों, कोविड के घोर कुप्रबंधन और किसानों की उपेक्षा के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी पर निशाना साधा.


अखिलेश ने 2017 के विधानसभा चुनावों के लिए अपने 'संकल्प पत्र' (घोषणापत्र) में छात्रों को लैपटॉप, मुफ्त डेटा और टैबलेट वितरित करने में विफलता के लिए राज्य में बीजेपी सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि सरकार पिछले साढ़े चार साल में छात्रों को भूल गई और अब घोषणा की है कि छात्रों को टैबलेट वितरित किए जाएंगे. अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री को लैपटॉप चलाना नहीं आता है, इसलिए उन्हें छात्रों के लिए इसके महत्व के बारे में पता नहीं था और उन्हें बांटने के बारे में कभी नहीं सोचा. इसके बजाय, उन्होंने अपने पूरे शासन में बुलडोजर का उपयोग करने की बात की.


जरूरत पड़ने पर बुलडोजर भी चला सकते हैं- अखिलेश


सपा प्रमुख ने वहां मौजूद भीड़ से कहा, "हम समाजवादी लैपटॉप चला सकते हैं और जरूरत पड़ने पर बुलडोजर भी चला सकते हैं." उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एलपीजी सिलेंडर का नाम या रंग बदल सकते हैं लेकिन इसकी बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने वादा किया था कि चप्पल पहनने वाले लोग हवाई जहाज से यात्रा कर सकेंगे, लेकिन ईंधन की कीमतों ने लोगों के लिए मोटरसाइकिल चलाना जारी रखना मुश्किल बना दिया है, हवाई यात्रा की तो बात ही क्या करें.


रैली में, बसपा से निष्कासित दो नेता, लालजी वर्मा और राम अचल राजभर, औपचारिक रूप से समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और राज्य में एक सपा सरकार बनाने का संकल्प लिया. वर्मा कटेहारी विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक हैं और राजभर अंबेडकरनगर जिले के अकबरपुर से विधायक हैं.


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