UP Encounter News: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में हुए एनकाउंटर के बाद  सियासत तेज हो गई है. इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी योगी सरकार पर जाति के नाम पर एनकाउंटर का आरोप लगा रही है. वहीं एनकाउंटर को लेकर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है. 


अखिलेश यादव एनकाउंटर को लेकर अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा कि भाजपा राज में एनकाउंटर का एक पैटर्न सेट हो गया है. पहले किसी को उठाओ, फिर दुनिया को झूठी तस्वीरें दिखाओं, फिर हत्या के बाद परिवार वालों द्वारा सच बताए जाने पर तरह-तरह के दबाव व प्रभोलन से उन्हें दबाओ. 


दिखावटी जांच कराकर मामला रफा-दफा करवाओ


उन्होंने आगे यह भी कहा कि विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा भंडाफोड़ होने पर अपने दोयम दर्जे के नेताओं को आगे करके शीर्ष नेताओं को बचाओं. फिर उसके बाद जिसका दाना-उसका गाना वाले संबंधों को निभाने वाले मीडिया को दुष्प्रचार के लिए लगाओ. फिर झूठ पारंगत अपने तथाकथित बड़े भाजपाई नेताओं से ऐसे गैरकानूनी एनकाउंटर को सही साबित करने के लिए तर्कहीन बयानबाजी कराओ. वहीं सच्चे मीडिया को विपक्ष या विदेशी समर्थन पर जीने वाला साबित करके उनकी बदनामी करवाओ. साथ ही जन आक्रोश बढ़ने पर औपचारिक, दिखावटी जांच कराकर मामला रफा-दफा करवाओ. 


क्या बोले भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी
अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर में डकैती के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर कहा था कि जाति देखकर एनकाउंटर किया गया था. भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अखिलेश यादव के एनकाउंटर में जाति ढूँढने वाले बयान का पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि लाल टोपी के नीचे सपा का काला चेहरा परत दर परत सामने आ रहा है. सपा अपराधी की जाति देखती है, पीड़ित की नहीं. शहीद पुलिसकर्मियों की जाति नहीं देखते. अयोध्या और मऊ में पीड़ित पिछड़े वर्ग के लेकिन सपा पीड़ित के साथ नहीं है, अपराधियों के एनकाउंटर से अखिलेश यादव को बहुत पीड़ा है.


सुल्तानपुर एनकाउंटर को बताया था नकली
अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर में डकैती के आरोपी मंगेश यादव के पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठाए थे. इस एनकाउंटर में मंगेश की मौत हो गई. जिस पर सपा अध्यक्ष ने निशाना साधते हुए इसे नकली एनकाउंटर बताया. उन्होंने कहा कि क्योंकि डकैती में शामिल लोगों को सत्ता पक्ष से संबंध इसलिए उसका नकली एनकाउंटर हुआ और जात देखकर उसकी जान ले ली. उन्होंने यह भी कहा था कि जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवजा अलग से देना चाहिए. क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है. उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे.


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