Name Plate Row: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नेम प्लेट मामले में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करने और आदेश पर अंतरिम रोक लगाने के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में अखिलेश ने कहा कि एक नयी ‘नाम-पट्टिका’ पर लिखा जाए : सौहार्दमेवजयते!


इसके अलावा अखिलेश यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अपने जानकारी में ली और रोक लगाया. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध को हटा दिया है. संप्रदाय की राजनीति खत्म हो रही है. सपा प्रमुख ने कहा कि जनता संप्रदाय की राजनीति को समझ गयी है. उन्होंने कहा कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए दुकानों के बाहर बोर्ड (मालिकों के नाम) लगाने को कहा है। और सच तो यह है कि इसमें दिल्ली और लखनऊ की सरकारें मिली हुई हैं.


बता दें सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने संबंधी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर सोमवार को अंतरिम रोक लगा दी.


यूपी सरकार की ओर से कोई पेश नहीं हुआ
जज जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जज जस्टिस एस. वी. एन. भट्टी की पीठ ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया और उनसे निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब देने को कहा.


पीठ ने मामले पर आगे की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी. उसने कहा, ‘‘हम उपरोक्त निर्देशों के प्रवर्तन पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश पारित करना उचित समझते हैं. दूसरे शब्दों में, खाद्य विक्रेताओं को यह प्रदर्शित करने के लिए कहा जा सकता है कि उसके पास कौन से खाद्य पदार्थ हैं लेकिन उन्हें मालिकों, स्टाफ कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.’’ इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अदालत में कोई पेश नहीं हुआ. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों ने आदेश जारी कर कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों से अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने को कहा था.


इसके अलावा मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित उज्जैन नगर निगम ने दुकानदारों को अपने प्रतिष्ठानों के बाहर नाम और मोबाइल नंबर प्रदर्शित करने का शनिवार को निर्देश दिया था.