Sengol In Parliament: उत्तर प्रदेश स्थित मोहनलालगंज से समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने एक चिट्ठी लिख कर मांग की है कि संसद में लगे सेंगोल को हटाया जाए. अब इस पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हमारे पार्टी के सांसद इसलिए ऐसा कह रहे होंगे क्योंकि जब सेंगोल पहली बार लगा था तब पीएम नरेंद्र मोदी ने बाकयदा उसे प्रणाम किया था. इस बार शपथ लेते समय शायद वो भूल गए. उसी को याद दिलाने के लिए शायद पार्टी के सांसद ने कुछ इस तरह का पत्र लिखा है.


यह पूछे जाने पर की उनकी क्या राय है, अखिलेश ने कहा कि जब सेंगोल लगा था तब उस समय जो मेरी राय थी, उसे आर्काइव से निकाल कर चलाइए. क्या सेंगोल रहना चाहिए? इस सवाल पर अखिलेश ने कहा कि जब पीएम, प्रणाम करना भूल गए तो इसका मतलब उनकी भी कुछ इच्छा और होगी.


SP सांसद RK चौधरी ने स्पीकर और प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी में लिखा था कि  सेंगोल में की जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए. सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है.


कांग्रेस ने इस मुद्दे पर क्या कहा?
समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद आरके चौधरी ने कहा था 'संविधान लोकतंत्र का प्रतीक है. अपने पिछले कार्यकाल में पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने संसद में 'सेंगोल' स्थापित किया. 'सेंगोल' का मतलब 'राज-दंड' होता है. इसका मतलब 'राजा का डंडा' भी होता है. रियासती व्यवस्था को खत्म करने के बाद देश आजाद हुआ. देश राजा के डंडे से चलेगा या संविधान से? मैं मांग करता हूं कि संविधान को बचाने के लिए संसद से सेंगोल को हटाया जाए.'


सेंगोल पर सपा सांसद आरके चौधरी की टिप्पणी पर कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या विचार व्यक्त किए हैं. मुझे जानकारी नहीं है लेकिन समाजवादी पार्टी ने अपनी राय व्यक्त की है और अपना बयान दिया है. इसलिए, वे इस पर विचार करेंगे.'