Akhilesh Yadav In First Speech: 18वीं लोकसभा के तीसरे दिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश स्थित कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने सदन में अपना पहला भाषण दिया. इससे पहले भारतीय जनता पार्टी नीत एनडीए के स्पीकर उम्मीदवार ओम बिरला ने जीत दर्ज की.


स्पीकर के निर्वाचन के बाद अखिलेश ने उनसे अपील की है कि उनका अंकुश सिर्फ विपक्ष नहीं सत्ता पक्ष पर भी हो. संसद के पुराने अनुभवों का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि सदस्यों के निष्कासन से सदन की गरिमा को ठेस न पहुंचे. अखिलेश ने ओम बिरला को निर्वाचन की बधाई देते हुए कहा कि वह लोकतंत्र के मंदिर में न्यायाधीश हैं. मैं अपनी तरफ से अपने साथ के सभी सदस्यों को आपको शुभकामना देता हूं. जिस पद पर आप आसीन हैं, उससे बहुत गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुईं हैं. बिना भेदभाव के आगे बढ़ें और लोकसभा अध्यक्ष के रूप आप हर सांसद और हर दल को बराबरी का मौका दें.


अखिलेश ने कहा कि हम सबकी आपसे अपेक्षा है कि दोबारा से निष्कासन जैसी कार्रवाई से सदन की गरिमा को ठेस न पहुंचे. आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता ही है सत्तापक्ष पर भी रहे. अध्यक्ष महोदय आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो. हम आपके हर न्यायसंगत फैसले के साथ हैं. मैं नए सदन में पहली बार आया हूं तो मुझे लगा कि हमारे स्पीकर की कुर्सी बहुत ऊंची है.  


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राहुल ने क्या कहा?
इससे पहले विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, "मैं आपको दूसरी बार निर्वाचित होने के लिए बधाई देना चाहता हूं. मैं आपको पूरे विपक्ष और भारत गठबंधन की ओर से बधाई देना चाहता हूं. यह सदन भारत के लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है और आप उस आवाज के अंतिम निर्णायक हैं. सरकार के पास राजनीतिक शक्ति है लेकिन विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है और इस बार विपक्ष ने पिछली बार की तुलना में भारतीय लोगों की आवाज का काफी अधिक प्रतिनिधित्व किया है. विपक्ष आपके काम करने में आपकी सहायता करना चाहेगा. हम चाहते हैं कि सदन अक्सर और अच्छी तरह से काम करे. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सहयोग विश्वास के आधार पर हो. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विपक्ष की आवाज को इस सदन में प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी जाए."