Caste Census in UP: बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश में जातिगत जनगणना (Caste Census) की मांग तेज होते जा रही है. बीते कुछ दिनों से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) इसकी मांग कर रहे हैं. जबकि राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने अखिलेश यादव की मांग का समर्थन किया है. वहीं अब योगी सरकार के एक और मंत्री ने जातिगत जनगणना की मांग पर सपा प्रमुख का समर्थन कर दिया है. 


दरअसल, बीते दिनों अखिलेश यादव ने जातिगत जनगणना की मांग को लेकर गांव-गांव जाने की बात कही थी. जिसके बाद केशव प्रसाद मौर्य से इस मांग पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था, "जातिगत जनगणना होनी चाहिए. मैं जातिगत जनगणना का समर्थन करता हूं. इसमें कुछ भी गलत नहीं है." लेकिन अब योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने भी सपा प्रमुख की इस मांग का समर्थन किया है. 


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मंत्री का बयान
संजय निषाद से जब इसपर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा, "मैं कहता हूं कि जातियों की जनगणना होनी चाहिए. लेकिन जातियों की विसंगती जो पिछली सरकारों ने गलत की है. हम अनुसूचित जाति में 70 लाख थे और मधवार के नाम से गिने जाते थे. लेकिन इन लोगों ने हमें गिनते गिनते सात हजार कर दिया. हमारा नाम फर्जी पिछड़ी में डाल दिया. वो जातियों को स्थापित करिए कि कहां गिनेंगे."


जबकि इससे पहले अखिलेश यादव ने कहा था, "जाति जनगणना कोई आज की मांग नहीं है. अंग्रेजों ने किसी जमाने में इस पर समझौता किया और संविधान के अधिकार तभी मिल सकते हैं जब जाति जनगणना सही पता होगा. समाजवादियों का मानना है कि जाति जनगणना होनी चाहिए, हमारी सरकार जैसे ही बनेगी हम जाति जनगणना कराएंगे."


इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर हमारी सरकार आती है तो हम तीन महीने के अंदर जातिगत जनगणना करा सकते हैं. अखिलेश यादव की जातिगत जनगणना वाली मांग को केशव प्रसाद मौर्य के बाद मंत्री संजय निषाद का समर्थन मिल चुका है.