Akhilesh Yadav Instructions: उत्तर प्रदेश विधानसभा में 20 फरवरी से बजट सत्र शुरू होने वाले हैं. इसे लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने 19 फरवरी को मीटिंग बुलाई. बता दें कि करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक में विधायकों के साथ विभिन्न मुद्दों को लेकर बातचीत की गई. इस बैठक में विधायकों ने सरकार के कामकाज और राज्य में कानून व्यावस्था पर सरकार को घेरने की तैयारी के लिये प्लान बनाया. इसके साथ राज्य में बढ़ते बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर सपा यूपी सरकार को घेरेगी. बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इस दौरान सख्त निर्देश दिये हैं. अखिलेश यादव ने रामचरितमानस और अन्य किसी भी धार्मिक मुद्दों पर चर्चा नहीं करने के निर्देश दिये है. 


बता दें कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव अब फिर से पुराने रंग में नजर आ रहे हैं. उन्होंने इस बैठक की अध्यक्षता की. शिवपाल सिंह यादव करीब 6 साल बाद सपा के प्रदेश कार्यालय पहुंचे थे. इस दौरान वहां मौजूद तमाम विधायक और नेताओं के बीच योगी सरकार को घेरने को लेकर चार्चाएं हुई. 


रामचरितमानस विवाद से बचने की कोशिश


बता दें कि रामचरितमानस विवाद के बाद यूपी सहित पूरे देश की राजनीति गरमा गई. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की एक चौपाई को आपत्तिजनक बताकर नई बहस छेड़ दी. इसके बाद पूरे देश में राजनीति दो धरों में बंट गई. इसके बाद अखिलेश यादव और सपा को साधु-संतों का भी विरोध झेलना पड़ है. इस वजह से अब अखिलेश यादव किसी तरह के धर्मिक बयानों के बचने की सलाह दे रहे हैं. इससे पहले अखिलेश यादव रामचरितमानस के उस चौपाई को क्या अर्थ है ये सदन में सीएम योगी आदित्यनाथ से पूछने की बात कह चुके हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद खुद सपा में भी इसे लेकर अंदरूनी कलह चल रही है. सपा नेता  ऋचा सिंह और रोली तिवारी मिश्रा स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस के बयान को लेकर शुरू से ही उनका विरोध कर रही थी, जिसके बाद समाजवादी पार्टी ने दोनों नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया.


ये भी पढ़ें: Watch: कानपुर का एक और वीडियो वायरल, अब पीड़ित की जमीन पर बुलडोजर चलवाते दिखे SDM