UP Politics: अखिलेश यादव ने नितिन गडकरी को लिखी चिट्ठी, एक साथ 3 राज्यों के लिए रख दी ये बड़ी मांग
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राज्य मार्ग मंत्री नितिन गडकरी को चिट्ठी लिखकर एक बड़ी मांग रखी है. उनके इस कदम को सियासी तौर पर काफी बड़ा माना जा रहा है.
UP News: केंद्र सरकार ने बीते दिनों 8 नेशनल हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दी थी. इसमें उत्तर प्रदेश से जुड़ी तीन सड़क परियोजनाएं शामिल थीं. केंद्र सरकार का यह फैसला ऐसे वक्त में आया था जब बजट में उत्तर प्रदेश की अनदेखी का आरोप विपक्ष द्वारा लगाया जा रहा था. लेकिन अब समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्र की सरकार के सामने नई मांग रख दी है.
अखिलेश यादव ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को एक चिट्ठी लिखकर कहा, 'सादर निवेदन है कि उत्तर प्रदेश के विकास को गति प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा पहले से स्वीकृत एवं नए निम्नलिखित एक्सप्रेसवे एवं सड़को का निर्माण कराने की कृपा करें. एनएचएआई द्वारा स्वीकृत संरेखण, इटावा (उत्तर प्रदेश) और कोटा (राजस्थान) को जोड़ने वाले 408.77 किलोमीटर लम्बे चम्बल एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा किया जाये.'
शाही ईदगाह को लेकर रूबी आसिफ खान का बड़ा बयान, कहा- 'इसे हिंदुओं को खुशी-खुशी दे देना चाहिए'
इन एक्सप्रेस-वे को बढ़ाने की मांग
सपा प्रमुख ने आगे कहा, 'मध्य प्रदेश के ग्वालियर से लिपुलेख तक प्रस्तावित 6 लेन सड़क का निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाएं. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को सतना से जोड़ा जाये और इटावा में जहां से एक्सप्रेसवे शुरू हो रहा है उसे हरिद्वार तक ले जायें. पूर्वाचल एक्सप्रेसवे को 25 किलोमीटर और बढ़ाकर बिहार के बक्सर-भागलपुर तक बनने वाले एक्सप्रेसवे से मिलाने के लिए पखनपुरा गाँव से जोड़ा जाये जिससे भागलपुर से दिल्ली तक एक एक्सप्रेसवे मिल सके.'
उन्होंने कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के नैमिषारण्य कट से शुरू होकर हरिद्वार तक एक नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाये. दरअसल, बीते दिनों ही केंद्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के लिए 6-लेन के आगरा-ग्वालियर नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर, 4-लेन अयोध्या रिंग रोड और 6-लेन कानपुर रिंग रोड की मंजूरी दी गई थी.
तब पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक ने 50,655 करोड़ रुपए लागत की परियोजनाओं को मंजूरी दी थी, जिसमें 8 राष्ट्रीय हाई स्पीड सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी. लेकिन अब सपा प्रमुख ने नई मांग सरकार के सामने रख दी है.