UP Politics: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की तरफ से आज एक बड़ा ऐलान किया गया. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उन्होंने सभी अटकलें पर विराम लगाते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाने का निर्णय लिया. हालांकि इस फैसले को अभी से ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 के समीकरण से जोड़कर देखा जा रहा है. इसी विषय पर एबीपी लाइव ने पूर्वांचल के वरिष्ठ पत्रकार अरुण मिश्रा से खास बातचीत की है.
पूर्वांचल के सियासी नब्ज को बड़े ही करीब से समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार अरुण मिश्रा ने एबीपी लाइव से बातचीत में बताया कि यह कहना गलत नहीं होगा कि समाजवादी पार्टी ने अपना तुरुप का इक्का चला है. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक माता प्रसाद पांडे अखिलेश यादव, शिवपाल यादव और स्व. मुलायम सिंह यादव के भी करीबी रहे हैं. निश्चित ही पूर्वांचल के कुछ सीटों पर इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है. लेकिन समाजवादी पार्टी से ब्राह्मण बड़ी संख्या में जुड़ेंगे, यह कहना बहुत मुश्किल है. क्योंकि ज्ञानेश्वर मिश्रा के बाद कोई बड़ा ब्राह्मण चेहरा समाजवादी पार्टी में नहीं रहा है जिसने पूर्वांचल में इस जाति पर विशेष प्रभाव छोड़ा हो. हालांकि PDA फैक्टर से एक कदम आगे बढ़कर समाजवादी पार्टी ने सवर्ण वोटर को भी अपने साथ लाने के लिए एक बड़ा दाव चला है.
उन्होंने कहा कि अगर बीते लोकसभा चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो पूर्वांचल की 13 सीटों में से 2 से 3 सीटों को छोड़ दिया जाए तो ब्राह्मण वोटर भारतीय जनता पार्टी से ज्यादा दूर नहीं हुए हैं. वहीं समाजवादी पार्टी में पिछड़ा वर्ग का सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिलता है और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के नाम पर अच्छी संख्या में ब्राह्मण वोटर समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ेंगे इस पर अभी कयास ही लगाए सकते हैं. इसलिए मेरा मानना है कि समाजवादी पार्टी के लिए बीजेपी वोट बैंक में सेंध लगाना इतना आसान नहीं होगा.
समाजवादी पार्टी को माता प्रसाद से यहां होगा फायदा
वरिष्ठ पत्रकार अरुण मिश्रा ने बताया कि समाजवादी पार्टी नेता माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अपने प्रमुख PDA एजेंडे के साथ पार्टी सवर्णो का भी साथ चाहती है. साल 2027 यूपी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने न केवल अपने कोर वोटर बल्कि उन मतदाताओं को भी साथ लाने का प्रयास किया है जिनकी पार्टी में भागीदारी न के बराबर है. वहीं दूसरी तरफ माता प्रसाद पांडे स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के साथ-साथ शिवपाल यादव, अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं और पार्टी में उनके चुने पर किसी को ऐतराज नहीं होगा. इसलिए निश्चित तौर पर नेता प्रतिपक्ष के तौर पर माता प्रसाद पांडे का चुना जाना सपा के 2027 यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को और धार देने वाला होगा.
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